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इस बार का ऊंट उत्सव रहेगा खास, नौ से 12 जनवरी तक दिन और रात को ऐसे कार्यक्रमों की रहेगी धूम

12 जनवरी को मुख्य आयोजन रायसर में होगा, जहां ग्रामीण खेलों और विभिन्न प्रतियोगिताएं आकर्षण का केन्द्र होंगे। इसके तहत पगड़ी बांधना, कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, देसी विदेशी पर्यटकों के लिए साफा बांधना, मटका दौड़ जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इन धोरों में ही सैंड आर्ट हैंडीक्राफ्ट, मेहंदी रंगोली प्रतियोगिता जैसे आयोजन होंगे।

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अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 2025 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार भी कार्यक्रम के दौरान कई तरह के नवाचार किए जाएंगे। जूनागढ़ परिसर में कल्चरल नाइट का आयोजन होगा। इस संबंध में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 9 से 12 जनवरी तक आयोजित करने का प्रस्ताव दिया गया। बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन ) डॉ. दुलीचंद मीना, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) रमेश देव, सीईओ जिला परिषद सोहनलाल सहित पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने उत्सव की रूपरेखा के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. मीना ने कहा कि उत्सव के माध्यम से वैश्विक टूरिज्म में बीकानेर को नई पहचान मिल रही है। इस आयोजन से स्थानीय कला और संस्कृति को जोड़ा जाएगा। यहां के पारंपरिक वेशभूषा और खान-पान से जुड़े पक्ष भी इसमें शामिल किए जाने चाहिए। एडीएम सिटी रमेश देव ने कहा कि बीकानेर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों को इस उत्सव के आयोजन में भागीदार बनाएं। स्थानीय कलाकारों को भी यहां मंच उपलब्ध हो सके, इसके लिए नई गतिविधियां शामिल करें।

मुख्य आयोजन 11 और 12 को

उपनिदेशक पर्यटन अनिल राठौड़ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का मुख्य आयोजन 11 और 12 जनवरी को होगा। मुख्य आयोजन के पहले दिन 11 जनवरी को एनआरसीसी में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इनमें ऊंट नृत्य, फर कटिंग, ऊंट सजावट, ऊंट दौड़, घुड़ दौड़ सहित विभिन्न आयोजन होंगे। इसी दिन जूनागढ़ से करणी सिंह स्टेडियम तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें स्थानीय लोक कलाकार सजे-धजे ऊंटों पर शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे। एनसीसी, एनएसएस के कैडेट्स सहित अन्य प्रतिभागी इसमें भागीदारी निभाएंगे। इसी दिन डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में पारंपरिक वेशभूषा आधारित शो मिस बीकानेर और ढोला मरवण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में रात को सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों की ओर से आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

धोरों में भी रहेगी कार्यक्रमों की रौनक

12 जनवरी को मुख्य आयोजन रायसर में होगा, जहां ग्रामीण खेलों और विभिन्न प्रतियोगिताएं आकर्षण का केन्द्र होंगे। इसके तहत पगड़ी बांधना, कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, देसी विदेशी पर्यटकों के लिए साफा बांधना, मटका दौड़ जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इन धोरों में ही सैंड आर्ट हैंडीक्राफ्ट, मेहंदी रंगोली प्रतियोगिता जैसे आयोजन होंगे। साथ ही यहां कैमल सफारी का आयोजन भी किया जाएगा। रायसर के धोरों में रात को फोक नाइट का आयोजन। साथ ही जसनाथजीसम्प्रदाय के प्रसिद्ध अग्नि नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। बैठक में होटल फेडरेशन आफ राजस्थान के प्रतिनिधियों की ओर से जूनागढ़ परिसर में कल्चरल नाइट का आयोजन का प्रस्ताव दिया गया। यह आयोजन 9 तथा 10 जनवरी को कल्चरल नाइट के रूप में होगा। जिसमें स्थानीय पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण आधारित फैशन शो और स्थानीय व्यंजनों आधारित स्टॉल्स आदि का प्रदर्शन होगा।


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