
centerl agriclthur university,
. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने की फिर से आस जगी है। यह मु²ा फिर गर्माया है। केन्द्र सरकार ने देश में चार नए केन्द्रीय विवि खोलने की घोषणा की थी। इसमें से एक केन्द्रीय विवि राजस्थान में खोला जाना है। इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर ) के महानिदेशक ने छठीं क्षेत्रीय कृषि सलाहकार समिति की बैठक में स्वामी केशवानंद कृषि विवि को केन्द्रीय कृषि विवि बनाने की अनुशंसा की थी। इसके बाद आईसीएआर ने इसे केन्द्रीय कृषि विवि का दर्जा देने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर ) मांगी। यह डीपीआर राज्य सरकार और आईसीएआर को भेजने के बाद फिर संशोधित डीपीआर मांगी गई। यह रिपोर्ट भी भेज दी गई, परन्तु राज्य सरकार की ओर केन्द्रीय कृषि विवि खोलने सम्बन्धी कार्रवाई नहीं की गई। अब पीएमओ की ओर से राज्य सरकार से पूछा गया है कि केन्द्रीय कृषि विवि कहां खोला जा रहा है। इसके साथ ही यह मुद्दा फिर से गर्मा गया है। पहले भेजी गई डीपीआर रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि शुष्क मरुस्थलीय क्षेत्र में है। ऐसा क्षेत्र देश में अन्यंत्र कहीं नहीं है। शुष्क क्षेत्र की वनस्पति और फसलों पर अनुसंधान की जरूरत है। मरुस्थलीय पारिस्थितिकी विशेषताओं के चलते आईसीएआर ने यहां केन्द्रीय कृषि विवि की अनुशंसा की थी। इस विवि में सारे आधारभूत संसाधन, भवन, भूमि, प्रयोगशालाएं उपलब्ध हैं। इसे केन्द्रीय विवि का दर्जा मिलने पर आधारभूत संसाधनों का विकास नहीं करना होगा। अनुशंसा मांगीयह बात सही है कि राजस्थान में केन्द्रीय कृषि विवि अभी तक नहीं खुल पाया है। इसके लिए स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि से पूर्व में मांगी गई सारी रिपोर्ट आईसीएआर और राज्य सरकार को भेज दी गई है। पिछले दिनों उप महानिदेशक (शिक्षा) आईसीएआर ने यह जरूर कहा था कि राज्य सरकार की अनुशंसा पर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि को केन्द्रीय सहायता मिल सकती है। राज्य सरकार चाहे तो बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि को केन्द्रीय विवि का दर्जा दिला सकती है। डॉ. आईजी गुलाटी, कुल सचिव एसकेआरयू, बीकानेर
