script169 साल पहले राजदरबार दिवाली पर करवाता था पूजन | Used to perform puja at the royal court 169 years ago | Patrika News
बीकानेर

169 साल पहले राजदरबार दिवाली पर करवाता था पूजन

बीकानेर रियासत में दीपावली के अवसर पर राज दरबार की सहभागिता भी रहती थी। अ​भिलेखागार में संर​क्षित विक्रम संवत 1912 की दिवाली री बही में दीपावली के अवसर पर मंदिरों व राजा महाराजाओं की छतरियों पर पूजन, दीपदान और दीपालिका श्रृंगार का उल्लेख मिलता है। राज दरबार की ओर से रूई, तेल की भी व्यवस्था दीपदान के लिए की जाती थी।

बीकानेरNov 02, 2024 / 10:45 pm

Vimal

बीकानेर. रियासतकाल में दरबार दिवाली में बढ़-चढ़ कर शामिल होता था। दरबार की ओर से न केवल मंदिरों में इस दिन पूजन करवाया जाता था, बल्कि राजा-महाराजाओं की छतरियों का भी पूजन होता था। इन पर दीयों की जगमगाहट रहती थी। अभिलेखागार विभाग के निदेशक डॉ. नितिन गोयल के अनुसार बीकानेर दरबार की विक्रम संवत 1912 की ‘दिवाली री बही’ में दिवाली पर राज दरबार की ओर से रोशनी के लिए रुई, तेल और राशि आवंटन सहित मानव श्रम की व्यवस्था की भी जानकारी मिलती है।
देहरे पर दीप प्रज्ज्वलन था प्रमुख 

169 साल पहले बीकानेर रियासत में देहरे (देवस्थान) पर दीप प्रज्ज्वलन प्रमुख था। दिवाली री बही के अनुसार रूप चतुर्भुज रे देहरे, माताजी माहाबीदा रे देहरे, सुरज जी रे देहरे, रुघनाथजी रे देहरे पर भी दीप प्रज्ज्वलन की व्यवस्था की जाती थी।कल्याण सागर क्षेत्र में रियासतकाल से राज परिवार का मुक्तिधाम है। यहां राज परिवार के सदस्यों की छतरियां बनी हुई है। इस स्थान पर कई हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।
इन मंदिरों में पूजन

डॉ. गोयल के अनुसार दिवाली पर मुरली मनोहर मंदिर, ठाकुर हरमींदर, मंदिर बालमुकुंद, नाणेचीजी मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर,जगननाथ राय मंदिर, बलदेव मंदिर, बद्रीनारायण मंदिर, माताजी कालका मंदिर सहित कई मंदिरों में दिवाली के अवसर पर दीप जलाने के लिए खर्च व मानव श्रम की व्यवस्था की जाती थी। इसकी जानकारी दिवाली री बही में मिलती है।
छतरियों पर होता था दीपदान

दिवाली री बही के अनुसार महाराज बीकाजी, महाराज लूणकरण, महाराज जेतसिंह , कल्याण सागर की छतरी सुजान सिंह की छतरी, रायसिंहपुर में, जोरावर सिंह की छतरी अनोप शहर में, महाराज अणद सिंह की छतरी रीणी में रोशनाई करने की जानकारी मिलती है।
जल स्रोतों के ऊपर बने मंदिरों में होता था दीपदान

रियासतकाल में जल स्रोातें के ऊपर व पास बने मंदिरों में भी दीपदान की व्यवस्था थी। गोवर्धनजी, सदाशिव हनुमान जी भईयाजी के कुएं पर, मंदिर रुघनाथ जी मोहता प्रताप के कुआं पर, महादेव काशी विश्वनाथजी संसोलाव तालाब पर, महादेव नाटेश्वर, महानंद की तलाई के ऊपर, सदाशिव हरसोलाव तालाब पर, हनुमान जी तालाब सूरसागर के ऊपर दीपावली पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाते थे।

Hindi News / Bikaner / 169 साल पहले राजदरबार दिवाली पर करवाता था पूजन

ट्रेंडिंग वीडियो