अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अमित कुमार बुड़ानिया ने बताया कि हादसों को रोकने के लिए राजमार्ग पर इंटरसेप्टर गाड़ी तैनात रहती है। जो ओवरस्पीड वाहनों के चालान करती है। जिले में इंटरसेप्टर गाड़ी केवल एक ही है। ऐसे में सभी राजमार्गों पर वाहनों की स्पीड जांच नहीं हो पा रही है। अब राजमार्गों पर बने होटल-ढाबों व अन्य बड़े संस्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों व टोल प्लाजा की मदद ली जाएगी।
सवारियां उठाने की जद्दोजहद
बसें व सवारियों को ढोने वाले वाहनों से ज्यादा हादसे होते हैं। ये वाहन सवारियां चढ़ाने के चक्कर में निर्धारित गति से तेज दौड़ाते हैं। जो सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती है। नई व्यवस्था का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। इसी सप्ताह से इसे लागू कर दिया जाएगा। सभी थानाधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।
ऐसे करेंगे कार्रवाई
राष्ट्रीय राजमार्ग हो या स्टेट राजमार्ग इन पर हाईस्पीड से चलने वाले वाहनों की पहचान की जाएगी। कैमरों की मदद से पता चल जाएगा कि एक से दूसरे स्थान के बीच की दूरी को किस वाहन ने कितने समय में पूरा किया। जो वाहन न्यूनतम समय से पहले एक से दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा, उसे गति सीमा से अधिक तेज दौड़ाना मानते हुए चालान किया जाएगा।