
Prevention of floods
आगामी बारिश में बाढ़ की संभावनाओं के म²ेनजर जिला कलक्टर ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाने के आदेश जारी किए हैंं। यह बाढ़ नियंत्रण कक्ष 15 जून से शुरू हुआ है। जो आगामी आदेश तक चलेगा।
यह बाढ़ नियंत्रण कक्ष दूसरें विभागों के संसाधनों से बाढ़ नियंत्रण में केवल समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा। स्थिति यह है कि जिन्हें बाढ़ नियंत्रण कक्ष का समग्र प्रभारी बनाया गया है उन्हें पता ही नहीं है कि संभावित बाढ़ नियंत्रण के लिए इन विभागों के पास क्या-क्या संसाधन है?
खुद प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) हरि प्रसाद पिपरालिया का कहना है कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष के पास कोई संसाधन नहीं होते। बाढ नियंत्रण कक्ष तो अन्य विभागों के बीच समन्वय करता है।
इन विभागों के संसाधनों का करेंगे समन्वय
बाढ़ नियंत्रण कक्ष नगर विकास न्यास, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, आईजीएनपी के संसाधनों का उपयोग करते हैं। वहीं अधिक बाढ़ की स्थिति में तैराकों की सूची जिला पुलिस अधीक्षक के पास रहती है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के गठन के जिला कलक्टर ने इसी सप्ताह आदेश जारी किए हैंं।
इस आदेश में 15 जून से आगामी आदेश तक कार्यालय अधीक्षक कलक्ट्रेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष काम करेगा। इस कक्ष में जिला कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम के फोन नम्बर को बाढ़ नियंत्रण कक्ष का फोन नम्बर (2226021) बना दिया गया है। प्रतिदिन कंट्रोल रूम में तीन पारी में कार्मिकों की ड्यूटूी लगाई गई है। बाढ़ नियंत्रण के समग्र प्रभारी, प्रभारी शहर एवं सहायक प्रभारी लगाए गए हैंं।
मात्र आदेश से बाढ़ नियंत्रण कक्ष:-
बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटें चालू रहेगा। बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रतिदिन जिले में हुई बारिश की सूचना वायरलेस स्टेशन, पुलिस लाइन अथवा तहसीलदार से प्राप्त करेंगे। हर तहसीलदार अपने इलाके में हुई सूचना की जानकारी सुबह 8 बजे तक नियंत्रण कक्ष को देगा। इसकी सूचना सभी विभागों को दी गई है।
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