
चुनाव आते ही उग आते हैं राजनीतिक दल,
बिलासपुर। Chhattisgarh Election 2023: चुनाव का मौसम आते ही अचानक कई राजनीतिक दल उग आते हैं । यह कहना इसलिए गलत नहीं होता क्योंकि चुनाव आचार संहिता के बाद नामांकन से लेकर चुनाव परिणामों की घोषणा तक ही इन पार्टियों के नेता दिखाई देते हैं और फिर गुमनामी में कहीं खो जाते हैं। फिर इसके बाद इन पार्टियों का एक कार्यकर्ता भी दिखाई नहीं देता। फिर पांच साल ये कहां रहते हैं कुछ भी अता-पता नहीं रहता।
विधानसभा चुनाव 2018 में बिलासपुर , बिल्हा, कोटा, तखतपुर, मस्तूरी, बेलतरा, मरवाही, लोरमी और मुंगेली सीट में 15 रजिस्टर्ड, 4 राज्य और 4 राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। चुनाव की घोषणा के बाद राज्य स्तर और रजिस्टर्ड राजनीतिक दल अचानक रिचार्ज हो जाते हैं। पिछले 10 चुनावों से भी अधिक बार ऐसा होता आ रहा है। इन परंपरा का विधानसभा चुनाव 2018 में भी पार्टी के बचे कुचे नेताओं ने भी पालन किया था। विधानसभा चुनाव 2018 में बिलासपुर , बिल्हा, कोटा, तखतपुर, मस्तूरी, बेलतरा, मरवाही, लोरमी और मुंगेली सीट में 15 रजिस्टर्ड, 4 राज्य और 4 राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से ऐसी पार्टी के नाम भी जनता को सुनाई दिए और देखने को मिले जिनका नाम मतदाताओं ने पहली बार सुना था या सुना भी था तो पहली बार पार्टी के नेता और उम्मीदवारों को देखा था। चुनाव में नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम तक इन पार्टी के नेताओं और उनके झंडे देखे जाते हैं और इसके बाद इन पार्टियों के नाम जनता और मतदाताओं को 5 वर्ष के बाद सुनने को मिलता है।
दो पार्टियों को छोड़कर सभी 4 पार्टियों के प्रत्याशी थे मैदान में
राष्ट्रीय पार्टी में कांग्रेस, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में थे जबकि 2 पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्टि पार्टी और कम्युनिस्टि पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया था।
राज्य स्तर की इन पार्टियों ने भरे थे नामांकन
● आम आदमी पार्टी
● जनता दल यूनाइटेड
● शिव सेना
● समाजवादी पार्टी
3 पार्टियों को छोड़कर किसी के पास वोट बैंक नहीं, सिर्फ उपस्थिति के लिए नामांकन
प्रदेश में फिलहाल 3 ऐसी पार्टियां हैं जिनके पास वोट बैंक हैं। इनमें राष्ट्रीय पार्टी में कांग्रेस, भाजपा और बहुतन समाज पार्टी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य स्तरीय पार्टी में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पास वोट बैंक हैं। इन पार्टी के नेता कम से कम जमानत के लिए जरूरी वोट के आसपास तक पहुंचत जाते हैं। वहीं शेष रजिस्टर्ड पार्टियों के उम्मीदवार सिर्फ चुनाव में उपस्थिति देने के लिए ही नामांकन जमा करते हैं।
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Published on:
17 Oct 2023 07:54 pm
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