
इस तरह बीजमंत्र साधना से होता है सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, इस वजह से नहीं है हर किसी के बस की बात
बिलासपुर. दुर्गा सप्तीशती बीज मंत्रों के माध्यम से मात्र 1 घंटा 16 मिनट में आदिशक्ति की आराधना की जाती है। लगातार चार घंटा दुर्गा सप्तीशती का पाठ करना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में बाबा अवधूत शिवानंद ने मंत्रों के माध्यम से इसे सूक्ष्म रूप प्रदान किया है। (Avdhoot Baba Shivanand Ji) जिसके पाठ से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। इस मंत्रों का जाप सामूहिक रूप से करने से इसका लाभ ज्यादा मिलता है। यह बातें शनिवार को दुर्गा सप्तशती साधक समहू के अध्यक्ष पुनित ढंढारिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। दुर्गा सप्तशती बीजमंत्र साधक समूह ने शनिवार को टिकरापारा में पत्रकार वार्ता आयोजित की। (Durga Saptashati Beej Mantra)
जिसमें दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रों के आयोजन व उसके महत्व को बताया। अध्यक्ष पुनित ढंढारिया ने बताया कि वह वर्ष 2015 को बाबा शिवानंद अवधूत से मिले और उनसे इससे जुडकऱ आयोजन करने की इच्छा जाहिर की। उन्हीं की आज्ञा व आशीर्वाद से उनके द्वारा तैयार की गई सूक्ष्म बीज मंत्र के ऑडियो के माध्यम से साधक बीज मंत्रों का जाप करते है। इसका लाभ लोगों को मिल रहा है इसका सकारात्मक परिणाम भी मिल रहा है। जिससे इससे लोग जुड़ रहे है। इस अवसर पर तारा सोनी, रमेश मारू, पंडित राजा चौबे, राकेश तिवारी भी उपस्थित रहे।
साधकों ने बताया अपना अनुभव: दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रों का जाप करने से साधकों के जीवन में जो भी सकारात्मक अनुभव हुआ है उसे बताया। तारा सोनी ने गृह दोष से मुक्ति व जीवन में खुशहाली मिलने की बात बताई। वहीं पंडित राजा चौबे ने भी बताया कि इससे सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव होने की बात बताई।
1800 बार हो चुका है आयोजन: साधकों ने बताया कि हर गुरुवार को रामेश्वरम शिवालय इंदिरा विहार में सुबह साढ़े 11 बजे बीज मंत्र साधना का कार्यक्रम किया जाता है। इसके अलावा अभी तक 1800 बार शहर के अलग-अलग जगहों में आयोजन हो चुका है।
Published on:
03 Nov 2019 01:56 pm
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