8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईकोर्ट से प्रशिक्षण अधिकारियों को मिली राहत, विभागीय कार्रवाई और आरोप पत्र पर लगाई रोक, जानें क्या कहा?

Bilaspur High Court: आईटीआई के प्रशिक्षण अधिकारियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाई है। कोर्ट ने अधिकारियों के विरुद्ध जारी आरोप पत्र को स्टे किया है।

less than 1 minute read
Google source verification
हाईकोर्ट से प्रशिक्षण अधिकारियों को मिली राहत, विभागीय कार्रवाई और आरोप पत्र पर लगाई रोक, जानें क्या कहा?

Bilaspur High Court: आईटीआई के प्रशिक्षण अधिकारियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाई है। कोर्ट ने अधिकारियों के विरुद्ध जारी आरोप पत्र को स्टे किया है। साथ ही संचालक, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग को व्यक्तिगत एफिडेविट में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के शासकीय आईटीआई संस्थानों में कार्यरत 507 प्रशिक्षण अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किया गया था। इसके अनुसार इन प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती के समय वर्ष 2013 में लागू आरक्षण नियम का पालन नहीं किया गया था। इन प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति वर्ष 2013 में हुई थी। इनकी विभागीय भर्ती नियम 2014 संशोधन 2019 के अनुसार इनकी पदोन्नति वर्ष 2019 में होनी थी। इस वजह से 50 प्रशिक्षण अधिकारी पदोन्नति की मांग को लेकर हाईकोर्ट चले गए।

यह भी पढ़े: भारत-PAK तनाव के बीच स्थगित हुई गर्मी की छुट्टियां, अब इस तारीख से बंद रहेगा न्यायालय, देखें रजिस्ट्रार जनरल का आदेश…

कारण बताओ नोटिस जारी

उच्च न्यायालय ने भी नियमानुसार पदोन्नति हेतु डीपीसी करने के निर्देश दे दिए। निर्धारित अवधि में डीपीसी नहीं करने पर कंटेंप्ट याचिका दायर होने पर विभाग ने इन 50 प्रशिक्षण अधिकारियों को भर्ती के समय आरक्षण नियम का पालन नहीं किया गया बता कर सेवा समाप्ति का कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इस पर पुन: उच्च न्यायालय में उक्त कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी।

सिंगल बेंच, डिविजन बेंच एवं उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए उक्त कारण बताओ नोटिस को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शासकीय अधिवक्ता यह साबित करने में असफल रहे कि यदि भर्ती तत्कालीन लागू आरक्षण नियमानुसार नहीं भी की गई थी।