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निगम प्रशासन मेहरबान: ठेका है निजी कंपनी का और निगम ने लगा दिया है अपना अमला

0 वेतन देकर दो साल से करा रहे ठेका कंपनी की बेगारी (nagar nigam bilaspur) (sparrow company) (construction work)

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निगम प्रशासन मेहरबान: ठेका है निजी कंपनी का और निगम ने लगा दिया है अपना अमला

बिलासपुर. निगम प्रशासन दो साल से रांची के ठेका कंपनी स्पैरो पर मेहरबान है। कंपनी को सवा सात फीसदी में वसूली का ठेका दिया गया है परंतु सहयोग के नाम पर खुद निगम के अफसर बाजार और राजस्व विभाग के अमले से वसूली करा रहे हैं। शनिवार को अवकाश के दिन राजस्व अधिकारी और बाजार विभाग के प्रभारी ने राजस्व निरीक्षकों और सहायकों की बैठक लेकर वसूली तेज करने के निर्देश दिए। पूर्ववर्ती सरकार ने राजस्व की वसूली पर असंतोष जाहिर करते हुए राजस्व की वसूली बढ़ाकर निकायों की स्थिति सुधारने का हवाला देकर बिलासपुर समेत कुछ निकायों के राजस्व वसूली का ठेका निजी कंपनियों को दे दिया।

बिलासपुर नगर निगम के राजस्व वसूली का ठेका कुल वसूली के सवा सात फीसदी कमीशन पर रांची के स्पैरो साफ्टेक लिमिटेड को दिया गया। निगम प्रशासन ने 2017-18 में सहयोग के लिए मांग पर ठेका कंपनी को पूरा राजस्व वसूली का अमला दे दिया तब से पूरा का पूरा अमला ठेका कंपनी का बेगारी कर रहा है। निगम के पास इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि ठेका कंपनी के पास कितने कर्मचारी हैं, पूछने पर कहा जाता है कि कंपनी समय-समय पर अपने कर्मचारी बदलती रहती है इसलिए इसका डाटा निगम के पास नहीं है। हालात यह है कि राजस्व की वसूली ठेके पर है परंतु वसूली बढ़ाने का दबाव राजस्व और बाजार विभाग के अमले पर बनाया जाता है। शनिवार को अवकाश के दिन निगम आयुक्त द्वारा बैठक लेने का हवाला देकर बाजार विभाग के कमचारियों को तलब किया गया। कर्मचारी जब बुलावे पर पहुंचे राजस्व अधिकारी विजय पाण्डेय और बाजार विभाग के प्रभारी अनिल सिंह ने वसूली कम होने का हवाला देते हुए अमले को सोमवार से फील्ड में जाकर वसूली करने और वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए।

पूरा अमला लगाने के बाद भी वसूली फिसड्डी
निगम अमले द्वारा 89 फीसदी वसूली करने के बाद भी शासन ने राजस्व की वसूली का ठेका स्पैरो को दे दिया। परंतु दो साल में कंपनी निगम अमले द्वारा की गई वसूली के लक्ष्य को नहीं पा सकी। राजस्व विभाग के स्पैरो के दो साल की वसूली के आंकड़ों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2017-18 में निगम अमले के सहयोग के बाद भी कुल टारगेट का 67 फीसदी और वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल टारगेट का 53.44 फीसदी राजस्व ही वसूल कर सकी है।

बिगड़ी माली हालत
लक्ष्य के मुताबिक राजस्व की वसूली नहीं होने की वजह से पिछले दो साल से निगम की माली हालत बदतर हो गई है। निगम प्रशासन के पास बिजली के बिल की अदायगी और अमले को वेतन के भुगतान के लिए शासन के समक्ष हाथ फैलाना पड़ रहा है।

बात तो सही है कि जब राजस्व की वसूली ठेके पर है तो निगम अमले से बेगारी नहीं होनी चाहिए। इसका निर्णय सामान्य सभा और शासन को करना है हम तो आदेश का पालन कर रहे हैं ताकि कर्मचारियों के वेतन के जितना तो वसूली हो जाए।
विजय पाण्डेय, राजस्व अधिकारी नगर निगम बिलासपुर

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