
Bilaspur News: वन विभाग की चेतावनी का असर दिखने लगा है। लोग अब घर पर पाले गए तोते को विभाग के सुपुर्द करने लगे। रविवार को 55 तोते कानन जू को दिया गया, जिन्हें जू प्रबंधन ने क्वारंटाइन सेंटर में रखा है। लेकिन सभी तोते स्वस्थ हैं।
इसलिए उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर आधी-आधी संख्या में अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। तोते या अन्य पक्षियों को पिंजरे में कैद करना अपराध है। यह प्राविधान तो पहले से था। लेकिन, विभाग इस पर कभी गंभीर नहीं दिखा। यहीं कारण इन्हें पाल रहे थे। इतना ही नहीं पक्षियों की खरीदी- बिक्री का धंधा में धड़ल्ले से चल रहा था।
इसके बाद भी विभाग ने सख्ती नहीं दिखाई। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व स्थानीय संस्थाओं व पक्षी प्रेमियों ने जब इस पर आपत्ति जताई और नाराजगी भी जाहिर की। इसके बाद विभाग होश में आया। 23 अगस्त को अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने सभी सीसीएफ को पत्र जारी कर तोते व अन्य पक्षियों की बिक्री व पालने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस आदेश के बाद वनमंडल और यहां से वन परिक्षेत्र कार्यालय को जांच व कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। बिक्री करने वालों पर तो तत्काल कार्रवाई होगी।
जिन्होंने तोते पाले हैं, उन्हें कानन पेंडारी जू में छोड़ने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। इसके बाद विभाग कार्रवाई करेगा। तोता पालकों तक यह संदेश पहुंच चुका है कि आगे विभाग की टीम जांच करेगी। इस दौरान कार्रवाई भी होगी। यही कारण है कि लोग अब कार्रवाई के डर से घर पर पाले गए तोते को लेकर स्वंय कानन पेंडारी जू पहुंच रहे हैं।
सोमवार को तो 55 तोते जू प्रबंधन को सौंपे गए। धीरे-धीरे आंकड़ा बढ़ेगा। जू में वन्य प्राणी चिकित्सक डा. पीके चंदन ने तोते की जांच की। सभी स्वस्थ हैं और जंगल छोड़ने की स्थिति में हैं। प्रबंधन तोते को जल्द छोड़ने की योजना भी बना रहा है। दरअसल क्वारंटाइन सेंटर की क्षमता ज्यादा पक्षियों को रखने की नहीं है।
Updated on:
26 Aug 2024 03:13 pm
Published on:
26 Aug 2024 03:11 pm
बड़ी खबरें
View Allबिलासपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
