
CG high court: हाथियों की बिजली करंट से हो रही मौत को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा कि क्या सब ऐसे ही खत्म हो जाएगा? वाइल्डलाइफ को नहीं बचाएंगे तो गए काम से। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि पिछले तीन साल में 21 हाथियों की मौत बिजली करंट से हुई है।
CG high court: कोर्ट ने कहा जान, चाहे मानव की हो या जानवर की, जान कीमती होती है। कोर्ट ने आदेशित किया कि केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन अक्षरश: तथा मूल भावना के अनुरूप किया जाए। प्रकरण की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि जून 2024 में सूरजपुर के पास जंगल में एक खेत में लगे 11 केवी के पोल से एक हाथी टकरा गया और पोल झुक गया। दूसरा हाथी झुके वायर के करंट के संपर्क में आने से वहीं मर गया। फोटो देख कोर्ट ने कहा पोल को सरसरी तौर पर लगाया गया और ऐसे पोल एक झटके में निकल जाएंगे।
26 जून 2024 की बैठक में केंद्र के बनाए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने पर सहमति बनी है। जिसके अनुसार बिजली वायर को वन क्षेत्र में जमीन से कम से कम 20 फीट ऊंचा करना है और 11 केवी और एलटी लाइन में कवर्ड कंडक्टर लगाना है। भारत सरकार के फॉरेस्ट कंजर्वेशन डिवीजन की अनुशंसा के अनुसार तो बिजली लाइन की ऊंचाई हाथियों की अधिकतम ऊंचाई जो भी ज्यादा के हो उसके अनुसार होगी, गौरतलब है कि पिछले पांव पर खड़े होने पर और सूंड ऊपर करने पर हाथी 20 फीट तक पहुंच सकता है।
याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया कि 26 जून 2024 को ऊर्जा विभाग, विद्युत वितरण कंपनी और वन विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया कि 11 केवी, 33 केवी और एलटी लाइन के झुके हुए तारों को कसने का काम, तार की ऊंचाई बढ़ाने का काम तथा वन क्षेत्र, हाथी रहवास, हाथी विचरण क्षेत्र में भूमिगत बिजली की लाइन बिछाने अथवा इंसुलेट केबल लगाने का कार्य तथा स्पाई युक्त खम्बों का प्रयोग ऊर्जा विभाग और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी करेगी।
Updated on:
06 Aug 2024 01:38 pm
Published on:
06 Aug 2024 01:37 pm
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