जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल तिवारी ने बताया कि आयोग को प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कुछ
निजी स्कूलों में फीस विवाद या पालकों से मतभेद होने पर बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से हटाने जैसे मामलों की जानकारी मिली है। इस पर उन्होंने जिले के सभी शासकीय व अशासकीय स्कूलों को निर्देशित किया है कि बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार की अपमानजनक या दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। शांति, समझदारी और समानपूर्ण व्यवहार अपनाएं।
हर बच्चे को सुरक्षित और गरिमापूर्ण शिक्षा का वातावरण मिले
डीईओ डॉ. अनिल तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है, लेकिन आयोग ने संभावित घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से ये निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि हर पालक की सामाजिक और आर्थिक स्थिति अलग होती है, इसलिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। आयोग की इस पहल का उद्देश्य स्कूलों को बच्चों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाना है।