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CG Snake Bite: बरसात में मौत का तांडव! 28 दिन में 294 लोग हुए सर्पदंश के शिकार, 4 की हो चुकी मौत

Bilaspur Snake Bite: मानसून के आते ही जहरीले सांप बाहर निकलने लगते हैं। अंधेरे और नमी भरी जगह इन सांपों के लिए बिलकुल परफेक्ट होते हैं। ऐसे में बारिश के दिनों में ये सांप घरों में घुसने लगते हैं।

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CG Snake Bite

CG Snake Bite: बारिश के दौरान सांप काटने के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अगस्त महीने के 28 दिन में ही सिम्स मेडिकल कॉलेज में जहरीले सांपों के काटने के 294 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। इसमें उपचार के दौरान 4 लोगों की मौत भी हो गई है।

बारिश के दौरान खेत-खार में पानी भर जाने के कारण जहरीले जंतु और सांप आवासीय क्षेत्रों की ओर आ जाते हैं। चूहे और कीड़े-मकोड़े खाने के लिए लोगों के घरों के आसपास भी पहुंच जाते हैं। ऐसे में कई बार ये लोगों को भी डस लेते हैं। इन दिनों लगातार बारिश के बाद अगस्त महीने में स्नेक बाइट के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। एक माह में ही सिम्स मेडिकल कॉलेज में बिलासपुर, बिल्हा, कोटा, मस्तूरी, जांजगीर-चांपा और पेड्रा-गौरेला-मरवाही जिले के 294 मरीज सिम्स आ चुके हैं, जिसमें एक माह के भीतर 4 लोगों ने दम भी तोड़ा है।

सिम्स में स्नैक बाइट रिकवरी 96 प्रतिशत

सिम्स मेडिकल कॉलेज में जहरीले जंतू और स्नैक बाइट के मामले हर साल 700 से 800 तक आ जाते हैं। यहां स्नैक बाइट के लिए मेडिसीन विभाग में एक विशेष टीम भी बनी हुई है। कुछ वर्ष पहले एचओडी डॉ.पंकज टेम्भूर्निकर ने मेडिसीन विभाग के सभी स्टॉफ को इसके इलाज के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दिलाई थी। यहां स्नैक बाईट के मरीज को तत्काल एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। डॉक्टरों ने बताया कि जब तक ये पता न चल जाए कि सांप जहरीला है कि नहीं तब तक इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। लक्षण देखने के बाद भी इंजेक्शन लगाया जाता है। जिहाजा समय पर अस्पताल पहुंचने पर लोगों की जान आसानी से बचाई जा सकती है।

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CG Snake Bite: पर्याप्त मात्र में एंटी वेनम वैक्सीन की सप्लाई

सिम्स के स्टोर इंचार्ज रमाशंकर साहू ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में एंटी वेनम वैक्सीन की पर्याप्त सप्लाई है। बारिश के दौरान हमेशा इसकी खपत बढ़ जाती है। ऐसे में पहले ही शासन को पत्र लिखकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम वैक्सीन मंगा ली गई है। ड्यूटी डॉक्टर की मांग पर इसे वार्डो में सप्लाई की जाती है। सिम्स में सालभर इस वैक्सीन की उपलब्धता रहती है।

झाड़-फूंक से बचें तत्काल अस्पताल पहुंचें: डॉ.टेम्भूर्निकर

सिम्स अस्पताल के मेडिसीन विशेषज्ञ और एचओडी डॉ. पंकज टेम्भूर्निकर ने बताया कि अस्पताल आने वाले 96 प्रतिशत मरीज की जांच सांप काटने के बाद भी बच जाती है। 4 प्रतिशत ऐसे लोगों की मौत होती है, जो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते और नीम-हकीम के झाड़-फूंक के चक्कर में रहते हैं। सांप काटने के बाद पहले तो ये देखे के वो जहरीला है कि नहीं । यदि हो सके तो मोबाइल पर फोटो ले लें, ताकि डॉक्टर को पता चल जाए कि सांप जहरीला है कि नहीं। इससे इलाज में आसानी होती है।


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