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अस्त होते सूर्य देव को दिया छठ व्रतियों ने पहला अर्ध्य, मंगल कामना के लिए फैलाया आंचल

शनिवार की शाम छठ घाट में उमड़ा आस्था का सैलाब, सूर्य देव की आराधना की लोगों ने आज उगते सूरज को अर्ध्य देकर पूरा किया जाएगा छठ का व्रत

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अस्त होते सूर्य देव को दिया छठ व्रतियों ने पहला अर्ध्य, मंगल कामना के लिए फैलाया आंचल

अस्त होते सूर्य देव को दिया छठ व्रतियों ने पहला अर्ध्य, मंगल कामना के लिए फैलाया आंचल

बिलासपुर. छठ महापर्व के तीसरे दिन शनिवार को छठ घाट में अस्ताचलगामी सूर्य देव को पहला अघ्र्य देने के लिए सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती व श्रद्धालु पहुंचे। जहां पर सूर्य देव के डूबने से पहले ही पूजन स्थल पर पहुंचकर हाथों में अघ्र्य देने दूध भरा कलश लेकर खड़े रहे। ठीक शाम ५ बजकर २० मिनट पर सूर्य देव अस्त हुए। सूर्य देव के मंत्रों का जाप करते हुए श्रद्धालुओं ने पहला अघ्र्य पूर्ण कर आंचल फैलाकर मंगल की कामना की। वहीं रविवार को सुबह जल्द ही दर्शन देने की कामना की। छठ महापर्व के अवसर पर शनिवार को अरपा छठ घाट में आस्था का जन सैलाब देखने को मिला। सूर्य को पहला अघ्र्य अस्त होते समय देने की विधि को पूरा करने के लिए चार बजे से ही घाट पर पहुंचने लगे। व्रती नंगे पांव आगे-आगे और पीछे-पीछे फलों व प्रसाद का टोकना लेकर परिजन चलते हुए घाट पर पहुंचे। वहां पर उचित स्थान देखकर लोग पूजन की प्रत्येक विधि को करते रहे। व्रत करने वाली महिलाओं ने जल में खड़े होकर कलश से अस्त होते सूर्य को अघ्र्य दिया। उसके बाद सूपा व टोकना में लेकर आए हुए प्रसाद को अर्पित किया। सूर्य देव को पहला अघ्र्य देने के बाद व्रती घाट से जलता हुआ दीपक घर लेकर पहुंचे। इस अवसर पर एचपीएस चौहान, एसपी सिंह, बृजेश सिंह, एसके सिंह, प्रवीण झा, विनोद सिंह, सुनील सिंह, एके कंठ, अशोक झा, विजय ओझाा, सीएम सिंह, बीआर मिश्रा, व्हीएन झाा, आरपी सिंह, गणेश गिरी, लवकुमार ओझा, डॉ.धर्मेन्द्र कुमार दास, संजय सिंह राजपूत, सुधीर झाा, दीपल चौधरी, हरिशंकर कुशवाहा, पीके सिंह, धनंजय झा, मुन्ना सिंह, विजय दुबे, पंकज सिंह, आरपी सिंह, रोशन सिंह, डॉ.कुमुद रंजन सिंह, सपना सराफ, जेपी सिंह, गणनाथ मिश्रा, गोपाल सिंह, अर्जुन सिंह, प्रशांत सिंह, धीरज झा, अमरकांत तिवारी, रंजीत ठाकुर, पीसी झा, संतोष राय, गुड्डू सिंह, सुभाष यादव सहित बड़ी संख्या में छठ पूजा समिति के सदस्य व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

दिन भर तैयार किया प्रसाद

छठ पूजा में पहला अघ्र्य की विधि के पूर्व घरों में सुबह से ही सूर्य देव को अर्पित करने प्रसाद बनाया गया। गेहंू व गुड़ से ढेकुआ तैयार किया गया। वहीं दोपहर में फलों की खरीदारी करने लोग बाजार भी पहुंचे। जहां से मौसमी फल फल्ली, शकरकंद, केला, सेब, गन्ना, अनार जैसे कई तरह के फल प्रसाद के लिए लेकर आए। इसे शाम को पूजन के पूर्व टोकने में सजाकर पूजन स्थल ले जाया गया।

आज देंगे उगते सूरज को अघ्र्य, करेंगे विनती

छठ उत्सव के चौथें दिन रविवार को उगते सूरज को अघ्र्य देकर छठ व्रत की पूजा को पूर्ण करेंगे। सुबह ६.१० मिनट पर सूर्योदय होगा। दूसरा अघ्र्य उगते सूरज को देने का विधान है। इस विधि को पूरा करने के लिए देर रात से ही व्रती घाट पहुंचेंगे। जहां पर सूर्य देव के उदय होने का इंतजार करेंगे। पहले दिन की तरह ही ढोकने में प्रसाद लेकर परिजन व्रती के साथ सूर्य देव की पूजा करेंगे।

३६ घंटे कठोर व्रत का करेंगे पारण

३६ घंटे के कठोर व्रत का पारण रविवार को सूर्य देव को द्वितीय अघ्र्य देने के बाद करेंगे। गुड़ व अदरक खाकर व्रत का पारण किया जाएगा। मान्यता है कि लगातार निर्जला व निराहार रहने से गले में तकलीफ हो सकती है एेसे में गुड़ व अदरक ग्रहण करने से गले की तकलीफ से बचा जाता है यह औषधि के तौर पर कार्य करता है।