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छत्तीसगढ़ बांग्ला अकादमी ने मनाया होली मिलन एवं वसन्तोत्सव

छत्तीसगढ़ बांग्ला अकादमी ने वासंती संध्या को वासंती रंग में डुबो दिया। 28 मार्च छत्तीसगढ़ बांग्ला अकादमी ने बंग भवन, टिकरापारा में गीत, कविता, नृत्य, नाटक की मनोरम प्रस्तुति दी। वासंती संध्या में होली मिलन के आयोजन में विश्वभारती, शान्ति निकेतन की तर्ज पर समूह गीत एवं नृत्य द्वारा प्रारम्भ किया गया।

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Chhattisgarh Bangla Academy celebrated Holi Milan and Spring Festival

Chhattisgarh Bangla Academy celebrated Holi Milan and Spring Festival

बिलासपुर छत्तीसगढ़ बांग्ला अकादमी ने वासंती संध्या को वासंती रंग में डुबो दिया। 28 मार्च छत्तीसगढ़ बांग्ला अकादमी ने बंग भवन, टिकरापारा में गीत, कविता, नृत्य, नाटक की मनोरम प्रस्तुति दी। वासंती संध्या में होली मिलन के आयोजन में विश्वभारती, शान्ति निकेतन की तर्ज पर समूह गीत एवं नृत्य द्वारा प्रारम्भ किया गया। वसन्त ऋ तु पर आधारित वकव्य व सह काव्य पाठ डॉ गोपाल चन्द्र मुखर्जी ने प्रस्तुत किया। तत्पश्चात रूपा राहा, पार्थो प्रतिम भादुड़ी, असित बरण दास एवं बाल कलाकार आयुष प्रामाणिक की सशक्त कविता ने दर्शकों की वाहवाही लूटी। नन्हीं बालिका आयुषी पालित, पूजा प्रामाणिक एवं नन्हा आयुष के नृत्य ने सबका मन मोह लिया। अकादमी की सचिव नमिता घोष ने प्रबल मुखर्जी के साथ संगठनात्मक गतिविधि एवं वार्षिक अधिवेशन तथा अकादमी की कार्यकारिणी के पुनर्गठन पर प्रकाश डाला।गीतों की श्रंृखला में निहार मल्लिक प्रबाल मुखर्जी, सौरभ चक्रवर्ति, अचिंत्य बोस, सौभिक दासगुप्ता, डॉ सोमनाथ मुखर्जी, अमित चक्रवर्ति, रीता राय, मल्लिका सरकार, नमिता घोष , मौमिता चक्रबर्ति, डॉ सोमा लाहिरी मल्लिक, रीता करमाकर,मौसूमी चक्रबर्ति, पियाली घटक, उमा दास , गोपा दासगुप्ता, लीना बनर्जी, अनुराधा मुखर्जी एवं सुइटी विश्वास रहे। नन्ही गु?िया आयुषी पालित के गायन ने खूब बाहबहि लूटी ।डॉ सोमनाथ मुखर्जी ने हास्यरस से ओतप्रोत लघुकथा की प्रस्तुति दी एवं सौभिक दासगुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन हास्य कौतुक के माध्यम ने दर्शकों को हास्य रस में सराबोर किया। तत्पश्चात असित बरन दास द्वारा रचित एवं निर्देशित लघु नाटक "हीरे की अंगूठी ***** का सफल मंचन किया गया , जिसमें प्रबाल मुखर्जी , पार्थो सारथी बोस एवं असित बरन दास ने अभिनय किया ,जिसे दर्शको ने सराहा। धन्यवाद ज्ञापन डॉ गोपाल चन्द्र मुखर्जी ने किया। अनुष्ठान की समाप्ति प्रीतिभोज से किया गया।