24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीयू में स्थापित होगा छत्तीसगढ़ का पहला बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर, युवाओं को मिलेगी ऊंची उड़ान

बिलासपुर. गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी के इंक्यूबेशन सेंटर को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने होस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में मान्यता दे दी है। बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर बनाने के लिए एक करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। शुक्रवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल मंत्रालय ने बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर की स्थापना का पत्र सौंपा गया। इसी तरह शहर के डीपी कॉलेज और स्मार्ट सिटी के तहत सेंट्रल लाइब्रेरी भवन में इंक्यूबेशन सेंटर खोला गया है। इससे युवा अपने नए आईडियाज को स्टार्टअप के रूप में कैसे श

4 min read
Google source verification
 इनक्यूबेटर सेंटर

इनक्यूबेटर सेंटर

इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप के लिए टेक्निकल सपोर्ट, लीगल डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट, नेटवर्क, बिजनेस कनेक्शन, काम करने के लिए वर्किंग स्पेस है। खास बात यह है कि सीड फंडिंग यानी शुरुआती पूंजी भी यहां उपलब्ध कराते हैं। इसी तर्ज पर गुरु घासी दास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में युवाओं के लिए नए आईडियाज को बढ़ावा देने के लिए इक्यूबेशन सेंटर खोला जा रहा है। इससे युवाओं को ऊंची उड़ान के साथ एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलेगा, जिससे उन्हें काफी ग्रोथ मिलेगा। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेंटर को होस्ट इंस्टीट्यूट बनाने पर, विश्वविद्यालय शोध, अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। साथ ही विश्वविद्यालय का इनक्यूबेशन सेंटर युवाओं को उद्यमिता के नए विचारों को साकार करने में सहयोग प्रदान करेगा। यह छत्तीसगढ़ का पहला बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर है, जिसमें केन्द्रीय विश्वविद्यालय के साथ ही आईआईटी, एनआईटी व अन्य संस्थानों के युवाओं को उद्यमिता के विचार को साकार करने में मदद करेगा। बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर की स्थापना होने से पूरे छत्तीसगढ़ के युवा उद्यमिता के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अपना सहयोग सुनिश्चित करेंगे।

bilaspur patrika IMAGE CREDIT: bilaspur patrika

बच्चों के यूनिक आइडियाज को मिलेंगे 15 लाख

युवा अपने विचार को बिजनेस इक्यूबेटर सेंटर में जमा कराएंगे। प्रस्ताव के मूल्यांकन के बाद इसे भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। जहां केन्द्रीय समिति इसकी जांच करेगी। चुने जाने पर आवेदनकर्ता के प्रस्ताव को बिजनेस इक्यूबेटर सेंटर के माध्यम से 15 लाख रुपए की सहयोग राशि प्रदान किए जाएगा। बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर की स्थापना से न सिर्फ यूनिवर्सिटी बल्कि प्रदेशभर के युवाओं को उनके उद्यमिता विचार को सृजनात्मक मंच मिलेगा। जहां वे बिजनेस आइडिया को उद्यम में बदल सकेंगे।

पेटेंट, संगोष्ठी व कार्यशाला में मिलेगा सहयोग

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा नवाचार व शोध व उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए पेटेंट फाइलिंग के लिए व्यय होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपए प्रदान करेगी। स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला के लिए 5 लाख रुपए व राज्य स्तर की कार्यशाला के आयोजन को 3 लाख रुपए अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएंगे।

ये हैं सदस्य

विश्वविद्यालय इनक्यूबेशन सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. आलोक कुमार सिंह कुशवाहा, सदस्यों में प्रो. एचएस तिवारी, डॉ. अमित खासकलम, डॉ. विवेकानंद मंडल और डॉ. बीबी चतुर्वेदी शामिल हैं।

bilaspur patrika IMAGE CREDIT: bilaspur patrika

इंक्यूबेशन सेंटर को देखकर बोल लोग- यह उपयोगी सेंटर

स्मार्ट सिटी मिशन के 8 वर्ष पूरा होने पर के सिटी टूर शुरू किया गया है। सिटी टूर के तहत सबसे पहले लोगों ने स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित इंक्यूबेशन सेंटर का भ्रमण 50 लोगों को कराया गया। इंक्यूबेशन सेंटर में युवा उद्यमियों और स्टार्टअप करने वाले युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे कार्यों को लोगों ने बारीकी समझा। यह इक्यूबेशन सेंटर स्मार्ट सिटी बिलासपुर और एआईआईएलएसजी के बीच पब्लिक प्राइवेट पाटनर्शिप से शुरू किया गया है। शहर में बी इऩ्क्यूबेशन सेंटर हैं। यहां 112 स्टार्टअप ने फिजिकल इन्क्यूबेशन के लिए आवेदन किए जा चुके हैं, जिनमे से बिलासपुर से 38 स्टार्टअप का इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए चयन किया गया है। 15 स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर से पहले ही ग्रेजुएट हो चुके हैं।

हमारे बच्चे उद्योग की ओर बढ़ पाएंगे

ये छत्तीसगढ़ में पहला इक्यूबेशन सेंटर मिला है, जिसमें सरकार की ओर से अच्छी ग्रांट मिली है। युवाओं के पास आईडजिया तो है, लेकिन उनके पास कैपिटल नहीं है। ऐसे आईडिया को प्रमोट करने के लिए गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी को बिजनेस इक्यूबेशन सेंटर के रूप में आईडेंटीफाई किया है। हमारे बच्चे उद्योग की ओर बढ़ पाएंगे। इससे निश्चित रूप से बच्चों में उद्यमिता का विकास होगा। हमारा प्रयास है कि युवा नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बने।

प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, कुलपित, गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी

patrika bilaspur IMAGE CREDIT: patrika bilaspur

एक्सपर्ट व्यू

इक्यूबेशन सेंटर का कॉन्सेंप्ट काफी लाभकारी है। जैसे छोटे बच्चों को आईसीयू में रखकर इलाज करते हैं ताकि वह बेहतर उसका इलाज हो सके। ताकि स्वस्थ हो जाए। इसी तरह से इक्यूबेशन सेंटर में छोटे उद्योगों के लिए संजीवनी है, क्योंकि जो विद्यार्थी विश्वविद्यालय और कॉलेज में पढ़ते हैं। वो उद्योग सुने रहते हैं और उनके मन में काफी अपधारण रहती है। उद्योग में नौकरी करें। ताकि उद्योग की जानकारी मिल सकेगी, लेकिन बिलासपुर में अभी शुरुआती दौर है। वर्तमान में किस तरह के लोग सेंटर चलाने आते हैं और उद्योगपतियों से कैसा रिलेशन और संपर्क बनता है। यह काफी महत्वपूर्ण है। उद्योग संघ इसके लिए हर संभव सहयोग करेगा।

हरीश केडिया, अध्यक्ष, छ.ग. लघु उद्योग संघ