क्या होता है क्वांटम डॉट्स, पूर्व कुलपति सावंत ने दी बड़ी जानकारी, जानिए आप भी
खतरनाक तरीके से पटरी पार करते हुए बच्चों की फोटो और न्यूज मंगलवार 21 नवंबर को मीडिया में आई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे देखकर गंभीरता से लेते हुए स्वयं संज्ञान लिया और मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर मंगलवार को ही कोर्ट में सुनवाई की। रेलवे की ओर से केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा उपस्थित हुए। उनसे चीफ जस्टिस ने पूछा कि, रेलवे ऑफिसर्स क्या कर रहे हैं? उन्हें यह पता नहीं है कि, कौन सा काम अधिक जरूरी है। इस तरह से हजारों बच्चों की जिंदगियों को रेल पटरी के भरोसे पर छोड़ना बेहद शर्मनाक है। हाईकोर्ट ने केंद्र शासन और रेलवे से साफ कहा कि, आप इस एफओबी का क्या करेंगे और कैसे पूरा करेंगे, इस सबकी पूरी विस्तृत जानकारी 48 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करें।CG Election Result 2023 : एक राउंड की गिनती में लगेंगे 20 मिनट,10 बजे तक आएगा पहला रूझान
स्टेशन के दूसरी ओर रहते हैं 3 लाख लोग बिलासपुर रेलवे स्टेशन के दूसरी ओर लगभग 3 लाख लोग रहते हैं। लाखों लोगों को स्टेशन के इस तरफ आने-जाने के लिए बनाया गया पुराना फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) सालों पहले टूट चुका है। रेलवे ने नया एफओबी बनाने का काम शुरू किया। लेकिन 4 साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। इस कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। कई बार ट्रेन खड़ी रहने पर डिब्बों के नीचे से भी बच्चे निकलने को मजबूर होते हैं। इस जगह पर मालगाड़ियां आए दिन काफी देर खड़ी रहती है। उसके केबिन में चढ़कर भी पटरियों को पार करना बच्चों की मजबूरी है। इसके अलावा सैकड़ों अन्य लोग भी रोजाना पटरियों को पार करते हैं। इसके बावजूद रेलवे अब तक एफओबी का निर्माण पूरा नहीं करा रहा है।