
Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एएसपी ने ठगी से बचने के टिप्स देते हुए कहा की लालच, डर और जागरुकता के अभाव में साइबर ठगी के केस बढ़ते जा रहे हैं। अवेयरनेस ही इसके बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। फिर भी यदि आप इसके शिकार हो जाते हैं तो ठगी के पहले घंटे को 'गोल्डन आवर्स' कहा जाता है। इस दौरान तत्काल हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
ऐसे करने से जालसाजों को अकाउंट से पैसे निकालने से रोका जा सकता है। ये बातें पत्रिका के रक्षा कवच अभियान के तहत साइबर जागरुकता पर आईएमए भवन में आयोजित वर्कशॉप में एएसपी सुमित कुमार धोतरे ने कही। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वंदे मातरम मित्र मंडल के सदस्य मौजूद रहे।
Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: कार्यक्रम में एएसपी ने कहा कि आज ऐसा कोई वर्ग नहीं जो साइबर ठगी के निशाने पर न हो। यह अपराध कोरोना वायरस की तरह बढ़ता ही जा रहा है। इससे बचने का सबसे बड़ा टीका जागरुकता है। साइबर अपराधी कभी क्रेडिट कार्ड बंद होने, बच्चे का एक्सीडेंट होने या बेटे के स्कूल बैग में ड्रग्स मिलने का डर दिखाते हैं। कभी महंगी चीज में डिस्काउंट या फ्री में देने का लालच देने के लिए लिंक भेजते हैं।
इस पर क्लिक करते ही ओटीपी बताने की भी जरूरत नहीं पड़ती और आपका खाता खाली हो जाता है। इसलिए सजग रहे। कोई भी अनजान काल या सोशल मीडिया पर डर या लालच की बात कहता हो या उससे जुड़ी कोई लिंक भेजता है तो एक बार सोचें जरूर क्या यह साइबर क्रिमिनल तो नहीं। याद रखें, डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों का नया पैतरा है। पुलिस कभी मोबाइल पर किसी को अरेस्ट या वारंट नहीं भेजती।
कार्यक्रम में वंदे मातरम मित्र मंडल के संयोजक महेन्द्र जैन, एसएन तिवारी, डॉ. विनोद तिवारी, डॉ. केके साव, डॉ. एसके दत्ता, डॉ. अभिजीत रायजादा, डॉ. प्रफुल्ल शर्मा, डॉ. पीसी वासल, शैलेन्द्र प्रसाद, जयप्रकाश लाल, रमेश चौधरी, प्रफुल्ल मिश्रा, राजीव नयन शर्मा, डॉ. विद्याराम किशनानी, नित्यानंद अग्रवाल, हरि बुधिया, डॉ. अवनीश त्रिपाठी, डॉ. गिरधारी अग्रवाल, धनंजय गोस्वामी, अखिलेश त्यागी, केसी चतुर्वेदी, एसडी शर्मा, राजेश जायसवाल, वेंकट रमन, आरएन राजपूत, एमके पटनायक, अशोक त्रिपाठी, क्षमा सिंह, आराधना त्रिपाठी, रामकुमार वस्त्रकार, पूनम पांडे, किरण उपाध्याय, पुष्पा मिश्रा, जय कुमार जैन, बालकृष्ण विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में वंदे मातरम मित्र मंडल के सदस्य मौजूद थे।पासवर्ड कम से कम 12 अक्षरों का जिसमें छोटे व बड़े अक्षर सहित संख्याओं और प्रतीकों का मिश्रण होना चाहिए।
अपना पासवर्ड कभी भी किसी से साझा न करें।
अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
अननोन वीडियो कॉल को रिसीव न करें।
कूरियर कंपनियों के नाम से आने वाले मैसेज को गंभीरता से लें।
कोई क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा जा रहा है तो क्लिक न करें।
सामान की डिलीवरी के लिए बिल नंबर और व्यक्तिगत जानकारी देने से बचें।
बड़ी कंपनियां कूरियर को रीशेड्यूल करने के लिए अतिरिक्त पैसे नहीं मांगती।
डिलीवरी के लिए कूरियर प्रोसेसिंग जैसे मैसेज आ रहे हैं तो इससे जुड़े लिंक को इग्नोर करें।
इस तरह के कॉल आने पर तत्काल 1930 और क्राइम ब्रांच पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाएं।
Updated on:
31 Dec 2024 02:47 pm
Published on:
31 Dec 2024 02:46 pm
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