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मौसम और लॉकडाउन की मार ने किसानों की कमर तोड़ी लेकिन हौसला नही तोड़ पाया, अब अगली फसल की तैयारी

मौसम एवं लॉकडाउन की मार से सब्जी उत्पादक किसानों की हालत दयनीय हो गई है। इसके बावजूद किसानों ने अगली फसल लेने का हौसला फिलहाल पस्त नहीं हुआ है। सरकारी विभाग आकंड़ों की कलाबाजी में उलझा हुआ है।

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फ़ाइल फ़ोटो

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बिलासपुर . मौसम एवं लॉकडाउन की मार से सब्जी उत्पादक किसानों की हालत दयनीय हो गई है। इसके बावजूद किसानों ने अगली फसल लेने का हौसला फिलहाल पस्त नहीं हुआ है। सरकारी विभाग आकंड़ों की कलाबाजी में उलझा हुआ है।

इस बार ऐसा कोई माह नहीं रहा जब बारिश और ओले न गिरे हो। इससे फसल काफी खराब हो गई। किसानों का बीमा हुआ पर सर्वे विलंब से हुआ और सब्जी उत्पादक किसानों को बीमा का पर्याप्त लाभ नहीं मिला । लॉकडाउन की वजह से हॉट-बाजार बंद रहे। इससे किसानों की सब्जियां पानी के मोल बिके। जिले में करीब 7 सौ हेक्टेयर में लगभग ढ़ाई हजार किसान सब्जियों का उत्पादन करते है। जिले का बाजार अब दीगर राज्यों की सब्जियों पर आश्रित होने के कगार पर पहुंच गया है। लेकिन उद्यानिकी विभाग का मानना है कि सब्जी उत्पादकों को बाजार में रेट कम मिले पर हालात अब भी नियंत्रित है।
किसानों के हौसले बुलंद
जिले में मौसम और लॉकडाउन से सब्जियों के रेट कम हो गए। लेकिन जिले के किसानों के हौसले बरकरार है। वे पुन: सब्जी उत्पादन की दिशा में लग गए है।
रामजी चतुर्वेदी, उपसंचालक,उद्यानिकी,बिलासपुर


डीजल खरीदने के लिए किसानों के पास पैसे नहीं
मौसम,लॉकडाउन ने सब्जी उत्पादक किसानों की कमरतोड़ दी है। हालात ऐसे बन गए है कि दोबारा सब्जी उगाने के लिए खेतों की जोताई करने के लिए किसानों के पास डीजल के पैसे तक नहीं है। बीमा की रकम अपर्याप्त मिलीं ।
सुरेंद्र कश्यप, सब्जी उत्पादक किसान,बिलासपुर