
उसलापुर में ट्रेनों की लगातार बढ़ रही संख्या, प्रबंधन का यात्री सुविधाओं पर ध्यान नहीं
बिलासपुर. रेलवे स्टेशन बिलासपुर के यार्ड में यातायात के बढ़ते दवाब को कम करने व सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन उसलापुर टर्मिनल स्टेशन के रुप में डेवलपमेंट करने रेलवे का ध्यान पूरा ध्यान केन्द्रित तो है, लेकिन वह केवल सौंदर्यीकरण पर। मूलभूत सुविधाओं को लेकर उसलापुर से सफर करने वाले यात्री खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
लगभग 6 माह पूर्व महाप्रबंधक सुनील सिंह सोइन ने उसलापुर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया था उस दौरान उन्होंने डीआरएम व अन्य मातहत अधिकारियों से साफ शब्दों में निर्देश दिए थे कि स्टेशन में सबसे पहले पेय जल व टॉयलेट की सुविधा सभी प्लेटफॉर्म में उपलब्ध करायी जाए व यात्रियों को गर्मी व बारिश से बचाने के लिए शेड का कार्य किया जाए। इससे स्टेशन में ट्रेनों के ठहराव के दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा। लेकिन महाप्रबंधक के निर्देश के बाद भी रेलवे के अधिकारियों ने यात्री सुविधा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करने की जगह पर स्टेशन के सौंदर्यीकरण को पहली प्राथमिकता देने में लगे हुए है।
स्टेशन में उसलापुर निरीक्षण के दो माह बाद दुर्ग से कटनी रुट पर चलनी वाली 8 टे्रनों का ठहराव उसलापुर रेलवे स्टेशन में किया गया। वहीं अब 4 और ट्रेनों ने उसलापुर होकर ही चलेगी। हालांकि इसमें अभी अप्रैल तक का समय है। लेकिन जिस रफ्तार से कार्य चल रहा है उससे यहां से सफर की शुरुआत करने वाले यात्रियों को केवल परेशानी का ही सामना करना पड़ रहा है। उसलापुर में पूर्व में हुए विकास कार्य छोटे स्टेशन के आधार पर हुए है। शेड भी केवल स्टेशन गेट व उससे कुछ ही दूरी तक है लेकिन यात्रियों की संख्या में बढऩे के बाद यहां शेड़ को बढ़ाने की जरूरत है।
कोच डिस्प्ले की व्यवस्था नहीं : उसलापुर रेलवे स्टेशन को हबीबगंज रेलवे स्टेशन की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में कार्य करने का हवाला अधिकारी दे रहे है। लेकिन स्टेशन में यात्रियों को जिन मूलभूत सुविधाओं की दरकार होती है वह यहां गायब हैं। वर्तमान में प्लेटफॉर्म नंबर 1 से लेकर 2 तक कोच डिस्प्ले की सुविधा रेलवे नहीं दे पाई है जिससे ट्रेन आने की स्थिति में लोगों को उनके कोच कहां पर होंगे, इसके लिए परेशान होना पड़ता है।
स्टॉल की जरूरत : उसलापुर रेलवे स्टेशन से पूर्व की अपेक्षा अब भीड़ ज्यादा बढऩे लगी है लेकिन स्टेशन में केवल एक ही कैंटीन है और इसमें भी यात्रियों की मांग के अनुरूप सामान नहीं मिलता है जबकि स्टेशन में प्लेटफॉम 1 व 2 में लगभग 4 कैंटीन स्टाल की जरुरत है।
टॉयलेट की व्यवस्था नहीं : प्लेटफॉर्म नं. 2 में महाप्रबंधक ने सबसे पहले दिव्यांगों व सामान्य टॉयलेट लेडिस व जेंट्स का बनाने की बात कही थी लेकिन काम अब तक शुरु नहीं हो सका। इसके चलते लोगों को खुले में ही जाना मजबूरी बनी हुई है। क्योंकि टॉयलेट प्लेटफॉम नं. 1 में है, वहां तक जाने में यात्री की ट्रेन की छूट सकती है।
सौंदर्यीकरण पर पूरा जोर : उसलापुर में अब तक केवल तीन ही कार्य प्रमुखता के साथ हुए है। इनमें स्टेशन परिसर में टाईल्स, प्रवेश द्वार में टाईल्स व द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय। यात्री प्रतीक्षालय भी ऐसा की इसमें टॉयलेट की सुविधा नहीं है। द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय में ट्रेनों का इंतजार करने वालों को लगभग सौ मीटर का सफर करना पड़ता है।
पूर्ण हो रहे हंै प्रस्तावित कार्य : उसलापुर रेलवे स्टेशन में निर्माण कार्य चल रहा है यहां बहुत सारे कार्य प्रस्तावित है जो हो रहें हैं।
रश्मि गौतम, सीनियर डीसीएम
Published on:
01 Dec 2018 03:14 pm
बड़ी खबरें
View Allबिलासपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
