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ओल्ड पेंशन योजना लागू करने की मांग.. रेलवे में 11 साल बाद हो रहे चुनाव में गरमाया मुद्दा

Election in Railway: रेलवे में यूनियन को मान्यता देने के लिए चुनाव की घोषणा हो गई है। जिसके बाद से अब अलग-अलग मुद्दे सामने आ रहे हैं। इनमें प्रमुख ओल्ड पेंशन योजना है…

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Election in Railway: रेलवे में यूनियन को मान्यता प्रदान करने के लिए 11 साल बाद 4, 5 और 6 दिसंबर को चुनाव होंगे। रेलवे बोर्ड इसके लिए पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। इसके बाद जोनल रेलवे ने नोटिफिकेशन जारी किया था।

Election in Railway: ओल्ड पेंशन को फिर लागू करने की मांग

Eleciton In railway: रेलवे यूनियन के इस चुनाव के चलते जोन में राजनीतिक माहौल गर्माते जा रहे हैं, जिनमें से ओल्ड पेंशन योजना सबसे प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। सभी यूनियन संघ इसे लेकर ही चुनाव लड़ रहे हैं। ओल्ड पेंशन योजना (ओपीएस) जो सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

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Election in Railway: इस योजना के तहत, कर्मचारी जब सेवानिवृत्त होते हैं, तो उन्हें एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। लेकिन सरकार इसकी जगह में अब कर्मचारियों को यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन देने की घोषणा की है। ऐसे में रेलवे संघ इसे ही मुद्दा बनाते हुए ओल्ड पेंशन को फिर से चालू करने की बात करते हुए चुनाव में वोट मांग रही है।

चुनाव में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर, रायपुर व नागपुर मंडल के लगभग 40 हजार अधिकारी कर्मचारी मतदाता मतदान करेंगे। 25 अक्टूबर को नामांकन भरने की अंतिम तारीख थी। इस बार 6 मजदूर संगठन ने चुनाव के लिए नामांकन भरा है। इसमें मजदूर कांग्रेस, श्रमिक यूनियन, स्वतंत्र बहुजन समाज रेलवे कर्मचारी, मजदूर संघ, मजदूर यूनियन और अखंड रेलवे संगठन ने बिलासपुर के जोन ऑफिस में नामांकन भरा है।

नामांकन प्रक्रिया पूरा होने के बाद अब चुनाव को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर, रायपुर व नागपुर में यूनियन के पदाधिकारी सक्रिय हो चुके हैं। पिछला चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था तब से अब तक 11 साल मजदूर कांग्रेस सत्ता पर रही। वहीं अब अन्य 5 संगठन भी इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए प्रचार-प्रसार शुरू कर दी है।

33 प्रतिशत मत हासिल करने पर मिलेगी मान्यता

रेलवे में ट्रेड यूनियन की मान्यता के लिए चुनाव अगस्त 2013 में हुआ था। कार्यकाल 6 साल बीतने के बाद भी लंबे समय तक चुनाव नहीं होने से मतदाता रेल कर्मचारी चुनाव का इंतजार कर रहे थे। इस चुनाव में जो भी यूनियन कुल मतदान का 33 % मत हासिल करेगी। उसको मान्यता दी जाएगी। मान्यता मिलने के बाद संबंधित संगठन के पदाधिकारी सीधे सरकार के सामने अपनी मांगें रख सकती है। उन्हें अधिकार मिलता है कि वो अपने प्रश्र सीधे सरकार से करें और उसका उत्तर लें। इसके साथ ही उन्हें अन्य कई सुविधा भी मिलती है।

6 संगठनों ने भरा नामांकन

सीपीआरओ डॉ. सुस्कर विपुल विलासराव ने कहा कि रेलवे यूनियन के चुनाव के लिए 25 अक्टूबर को नामांकन भरने की अंतिम तिथि थी। इस बार चुनाव में 6 संगठन भाग ले रहे हैं। उन्होंने नामांकन दाखिल किया है। स्क्रूटनी सहित अन्य प्रक्रिया अब शुरू की जाएगी।