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Jaya Ekadashi 2025: 3 शुभ संयोग में में जया एकादशी आज, इस विधि व मुहूर्त में करें श्रीहरि की पूजा, मिलेगा लाभ

Jaya Ekadashi 2025: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है।

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Jaya Ekadashi 2025: 3 शुभ संयोग में में जया एकादशी आज, इस विधि व मुहूर्त में करें श्रीहरि की पूजा, मिलेगा लाभ

Jaya Ekadashi 2025: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। साल भर में 24 एकादशी तिथियां होती हैं, और हर एकादशी का अपना विशेष महत्व है। इनमें से एक है जया एकादशी। हर महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और इस दिन व्रत रखा जाता है। यह व्रत जीवन के सभी दुखों और कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है, और इससे जीवन सुखमय होता है। जया एकादशी 7 फरवरी को मनाई जाएगी और इस दिन भगवान विष्णु की आराधना का महत्व है। इससे भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Jaya Ekadashi 2025: आज मनेगी जया एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 8 फरवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा।

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ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त

जया एकादशी का व्रत हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित जागेश्वर अवस्थी के अनुसार यह व्रत माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत का पालन किया जाता है। जया एकादशी की पूजा आप सुबह 07:05 बजे से कर सकते हैं। उस दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08:28 से लेकर सुबह 09:50 तक है। जया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:21 से लेकर सुबह 06:13 तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से लेकर दोपहर 12:57 तक है।

व्रत वाले दिन मृगशिरा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 06:07 पी एम तक है। उसके बाद आद्री नक्षत्र है। वैधृति योग दोपहर में 02:04 पी एम तक है, उसके बाद विष्कम्भ योग होगा। रवि योग इस बार जया एकादशी के दिन रवि योग बन रहा है। उस दिन रवि योग सुबह में 07 बजकर 05 मिनट से शाम 06 बजकर 07 मिनट तक है। रवि योग में सूर्य प्रभाव से सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था इसका महत्व

जया एकादशी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मात्मा युधिष्ठिर से जया एकादशी के महत्व के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को मृत्यु के बाद भूत, पिशाच आदि नीच योनियों में नहीं जाना पड़ता है। जया एकादशी का व्रत मोक्ष प्राप्ति का उत्तम मार्ग है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह अंत में परमधाम को प्राप्त होता है।