
शराब दुकानों के पास चखना सेंटरों में सिंगल यूज प्लास्टिक की भरमार
बिलासपुर। Chhattisgarh News: शराब दुकानों के पास चखना सेंटरों में सिंगल यूज प्लास्टिक व डिस्पोजल समेत अन्य जगहों पर धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग किया जा रहा है। जबकि एनजीटी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि यह पर्यावरण के लिए घातक होता है। वहीं एनजीटी ने राज्यों को आदेश भी जारी किए हैं, लेकिन अफसरों ने इस आदेश में कोई रुचि नहीं ली है। सिर्फ दिखावे के लिए शुरुआत में कुछ कार्रवाई की गई थी।
त्यौहार सीजन आते ही हर विभाग के कर्मचारी-अधिकारी एक्टिव हो जाते हैं और कार्रवाई करते हैं, पर लंबे समय से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध में कार्रवाई कोई नहीं कर रहा है। नगर निगम के अधिकारी पर्यावरण को कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। इधर पर्यावरण के अधिकारी नगर निगम को कार्रवाई करने का आधिकारी बता रहे हैं। इसकी वजह से ही मार्केट में धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक चल रहा है। अधिकारी कार्रवाई की तो बात करते हैं, लेकिन जहां बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है वहां अनदेखी करते हैं। इधर आबकारी के अधिकारी बेखबर रह रहे हैं। मानों इन्हें किसी मामले की जानकारी ही नहीं है। वित्त विभाग के अनुसार सभी आबकारी के अधिकारी का क्षेत्र बंटा हुआ है। इन क्षेत्रों में उन्हें दौरा करना होता है, लेकिन इऩ जगहों शराब दुकान को देखते हैं। आसपास के दुकानों पर खानापूर्ति की कार्रवाई करते हैं। इसके बाद सेटिंग होने पर कई महीनों और सालों तक बेखौफ चखना सेंटरों में डिस्पोजल व पाउच का उपयोग किया जा रहा है।
कार्रवाई नहीं इसलिए हौसले बुलंद
शराब दुकानों के आसपास चखना सेंटरों में सिंगल यूज प्लास्टिक यानी कि डिस्पोजल समेत पाउच उपयोग करने से नाम मात्र की कार्रवाई की जाती है। इसकी वजह से रसूखदारों के हौसले बुलंद हैं। वे तो बकायदा काउंटर पर शराब पिला रहे हैं। उन्हें पूरी व्यवस्था दी जाती है, लेकिन यहां पुलिस, आबकारी, सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए कार्रवाई करने वाले अधिकारी खाना पूर्ति कर कार्रवाई का हवाला देते हैं।
निगम-पर्यावरण अफसर एक-दूसरे को कार्रवाई करने कह रहे
चखना सेंटर में कार्रवाई के लिए अधिकारियों से बात की गई तो निगम के स्वास्थ्य अधिकारी अऩुपम तिवारी ने कहा कि यह काम उनका नहीं है। इसे पर्यावरण विभाग करता है। इधर पर्यावरण के रीजनल अधिकारी देवव्रत मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उद्योग लगने समय परमिशन का काम उनका है। जहां प्रदूषण और प्लास्टिक से संबंधित चीजें होती हैं, इसके लिए अनुमति नहीं दी जाती है। बाकि कार्रवाई करने का काम निगम का है। निगम ही इस पर कार्रवाई कर सकती है।
Published on:
17 Oct 2023 08:08 pm
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