
ये कोई आम गैस नहीं जर्मनी का तानाशाह हिटलर करता था इस्तेमाल पल में हो जाती थी मौत, यहाँ खतरे में 400 लोगों की जान
बिलासपुर. नगर निगम के अफसर नागरिकों के जीवन से किस कदर खिलवाड़ कर रहे हैं, गणेशनगर अन्नपूर्णा कॉलोनी में शुक्रवार को हुआ हादसा इसका उदाहरण है ये कोई आम गेस नहीं बल्कि जानलेवा है। (chlorine gas leakage) जर्मनी का तानाशाह हिटलर (adolf hitler) अपने दुश्मनों और विरोधियों को मौत के घाट उतारने के लिए इसी क्लोरीन गैस का इस्तेमाल करता था जिससे पल में मौत हो जाती थी। (ww2 gas) क्लोरीन गैस के रिसाव के दुष्प्रभाव को यहां आज भी देखा जा सकता है । (chlorine gas hindi)
इसके दुष्प्रभाव से आसपास के पेउ़ -पौधे तक सूख गए। हैंडओवर के बाद निगम की टंकियों में क्लोरीन गैस का उपयोग ही नहीं होता लेकिन यहां क्लोरीन से भरे सिलेंडर अभी भी अस्त-व्यस्त पड़े हैं। (chlorine gas leakage and its control) 400 परिवारों के जान को जोखिम में डालने के बाद भी निगम प्रशासन के अफसर इस घटना से सबक लेकर इन सिलेंडरों को यहां से हटवाने के बजाए वहीं लावारिस छोड़ केवल बयानबाजी कर रहे हैं। पत्रिका की टीम ने हादसे के दूसरे दिन फिर गणेश नगर अन्नपूर्णा कालोनी के हालात का जायजा लिया तो शुक्रवार हादसे के बाद पानी भरे गड्ढे में डाला गया क्लोरीन सिलेंडर पानी में तैर रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक और सिलेंडर खुले में पड़ा था और अंदर क्लोरीन चैंबर में चार सिलेंडर रखे हुए थे। (chlorine gas leak)
बताया जाता है कि साल भर पहले निगम प्रशासन ने पीएचई की इन टंकियों को हैंडओवर ले लिया है, तब से यहां क्लोरीन गैस का उपयोग ही नहीं किया जाता बल्कि यहां पानी की शुद्धता के लिए लिक्विड क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। इसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही हो गई चार सौ परिवारों की जान सांसत में डालने के मामले में क्या जांच कराएंगे कौन दोषी है पूछने पर जिम्मेदार अफसर कह रहे कि जांच की जरूरत नहीं सामान्य घटना है। पेड़-पौधे तक सूख गए-निगम प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते शुक्रवार की सुबह गणेशनगर अन्नपूर्णा कालोनी के रहवासियों के लिए मौत का सबब बनकर आया। (people unconcious) ये तो उनकी तकदीर अच्छी थी जो उनकी जान बच गई। क्लोरीन गैस के दुष्प्रभाव के चलते टंकी परिसर और बाउंड्रीवाल के बाहर के आसपास के हरे भरे पेड़ और पौधे सूख कर मुरझा गए हैं। राव अब भी भर्ती पत्नी और पोता घर लौटे-टंकी परिसर के बाउंड्रीवॉल के ठीक बगल से इस हादसे के पीडि़त रिटायर्ड रेलवे कर्मी एएन राव का मकान है। (many people faint)
हादसे के बाद हालत बिगडऩे के कारण उन्हें रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं उनकी पत्नी और 9 माह के पोते को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।आंख और गले में जलन बनी हुई है-अमित राव, चिन्नी प्रकाश और एएन राव के पोते ए हर्षित कुमार शुक्रवार को सुबह हुए हादसे को याद करते ही सिहर उठते हैं। 12 वर्षीय हर्षित ने बताया कि शुक्रवार की सुबह क्लोरीन गैस के तेज रिसाव से उनका सांस लेना मुश्किल हो गया दम घुटने और लगातार खांसी आने के कारण वे लोग घर को खुला छोडकऱ ही बदहवास वहां से जान बचाने के लिए भगे तब कहीं जांन बच सकी। दादी और छोटा भाई तो अस्पताल से आ गए हैं लेकिन उनके दादा अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं अमित राव और चिन्नी प्रकाश ने बताया कि कल हुए हादसे के बाद अभी उनके सीने, गले और आंख में जलन हो रही है सांस लेने में तकलीफ है। (people faint after gas leak)
लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है इसलिए जांच की जरूरत नहीं है। सिलेंडरों को वहां से हटवा लिया गया है इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति न हो इसका ख्याल रखने कहा गया है। - संजीव बृजपुरिया, कार्यपालन अभियंता जलकार्य विभाग नगर निगम बिलासपुर
लापरवाही तो है, कार्यपालन अभियंता से घटना और घटना के कारणाों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। डिप्टी कमिश्नर खजांची कुम्हार को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपके माध्यम से जानकारी आई है कि वहां सिलेंडर अभी भी पड़ा है उसे हटवाया जाएगा। - प्रभाकर पाण्डेय,आयुक्त नगर निगम बिलासपुर
Published on:
28 Jul 2019 11:31 am
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