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मेडिकल जांच के लिए परेशान हो रही रेप पीड़िता, हर बार डॉक्टर बना देते हैं नया बहाना , कहते हैं ये बातें

Bilaspur Hindi News : एक तरफ रेप पीड़ित महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग उठाई जाती है वहीं दूसरी तरफ रपे पीड़िता को सोनोग्राफी करने के लिए रोज अस्पताल के चक्कर काटना पड़ रहा था।

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मेडिकल जांच के लिए परेशान हो रही रेप पीड़िता, हर बार डॉक्टर बना देते हैं नया बहाना , कहते हैं ये बातें

मेडिकल जांच के लिए परेशान हो रही रेप पीड़िता, हर बार डॉक्टर बना देते हैं नया बहाना , कहते हैं ये बातें

बिलासपुर. एक तरफ रेप पीड़ित महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग उठाई जाती है वहीं दूसरी तरफ रपे पीड़िता को सोनोग्राफी करने के लिए रोज अस्पताल के चक्कर काटना पड़ रहा था। मामला बिलासपुर थाना क्षेत्र का है। जहां रेप पीड़िता को जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ही सोनोग्राफी समेत अन्य जांच करने के लिए कहा गया था। लेकिन पीड़िता जब भी सोनोग्राफी करने पहुंचती थी कभी कल आना, कभी पानी नहीं पिया है जैसे बातें बोल कर लौटा दिया जा रहा है।

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ऐसी कोई भी जानकारी या शिकायत हम तक नहीं आई है। सभी तथ्यों की जानकारी जुटाने के बाद ही इस पर कुछ कह सकते हैं।

डॉ.अनिल गुप्ता, निरीक्षक, जिला चिकित्सालय

मामला मीडिया में उछलने के बाद मंगलवार कीे शाम सोनोग्राफी किए जाने की बात कही गई थी। इधर सम्बंधित थाना पुलिस के कर्मचारी रोज महिला को अस्पताल लेकर पहुंच रहे थे जिनसे अस्पताल प्रशासन द्वारा अभद्र व्यवहार किया जा रहा था। पीड़िता ने बताया कि उनसे कहा जा रहा था की आप जबरन सोनोग्राफी टेस्ट करवाने आ रही हो, जबकि पीड़िता को अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ही सोनोग्राफी समेत अन्य टेस्ट कराने के लिए कहा गया था।

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मीडिया संज्ञान के बाद

हफ्ते भर से अधिक से सोनोग्राफी के लिए भटक रही महिला का मामला मीडिया के संज्ञान में आने बाद ही अस्पताल प्रबंधन सोनोग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हुआ। इधर पीड़िता को अस्पताल लाने में संबंधित थाने से रोज एक स्टाफ साथ आ रहे थे। ऐसे में सोनोग्राफी नहीं करने से पुलिस बल और पीड़िता दोनों का काफी समय बर्बाद हो रहा था।

पानी की कमी के चलते सोनोग्राफी नहीं हो पाई थी, फिलहाल उनकी सोनोग्राफी कर रिपोर्ट भी सौंप दी गई है।

डॉ.राजेश शुक्ला, सीएमएचओ, बिलासपुर

पानी नहीं पीने के चलते

वहीं वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पीड़िता ने पानी नहीं पिया हुआ था। पेट में पानी सही तरह से भरे नहीं होने पर सोनोग्राफी नहीं की जा सकती है जिसके चलते उनका जांच नहीं की जा रही थी। शाम साढ़े चार बजे उन्हें जांच के लिए बुलाया गया था। खुद से न आने पर उन्हें कॉल कर बुलाया गया। इसके बाद उसकी सोनोग्राफी की गई।