ट्रेनों का लेटलीतीफ जारी है कोई भी ट्रेन अपने निधार्रित समय पर नहीं पहुंच रही है
बिलासपुर. संपर्कक्रांति एक्सप्रेस 8 जुलाई को 10 घंटे लेट पहुंची। संपर्क क्रांति का पहुंचने का समय दोपहर 12 बजे उसलापुर है वो रात में 10.00 बजे बिलासपुर पहुंची। इसके बारे में बताने वाला भी कोई नहीं है। पूछताछ केंद्र भी खाली रहता है वहां उपस्थित कर्मचारी भी नदारद थे। रेलवे का कोई भी यात्रि गाडि़य़ा निर्धारित समय से 5-6 घंटे लेट होना ये आम हो गया है। इसे सुधारने वाला भी कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं। चाहे अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि सबको अपने कमीशन से मतलब है। तभी तो कोई भी पैसेजर ट्रेन अपने निर्धारित समय से 4-5 घंटे लेट ही पहुंच रही है। आखिर इस समस्या का लोग शिकायत करें तो किससे करें। जनता को ये बाते समझ नहीं आ रही है। ऐसे भी सभी जाने की जल्दी में रहते है। इस लिए ट्रेनों की लेटतिफी पर कोई ध्यान देता। यदि कोई ध्यान देता भी और शिकायत करता है तो अधिकारी सीधे कह देते है। ठीक दिखवाते है जैसे उन्हें पता ही नहीं। यदि किसी जनप्रतिधिनिध के पास जाते हैवो अधिकारी को पहले समझा देते है कि जनता के सामने यदि मैं डांट-डपट करुं इसे बुरा नहीं मानना। इसी लिए अब जनता भी जान गई है कि जनप्रतिनिधियों में अब कोई काम के नहीं उसको सिर्फ जनता अंधेरे में रख अपना उल्लू सीधा करना है। इसी लिए कोई कहीं भी शिकायत करें इससे रेलवे को कोई फर्क नहीं पड़ता है।