Suicide case: शराब के नशे में पिता ने मारा थप्पड़, तो बेटी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मस्तूरी निवासी कुमारी तुलसी (16 वर्ष) कक्षा 10 वीं की छात्रा थी। उसके पिता धनीराम गोड़ को शराब पीने की लत थी। पिछली रात भी पिता अत्यधिक शराब के नशे में घर पहुंचा।
वहीं मामूली बात पर पिता ने अपनी बेटी तुलसी को थप्पड़ मार दिया। खाना खाने के बाद पिता अपने कमरे सोने चला गया। इधर घटना से तुलसी का किशोर मन टूट गया और आवेश में आकर उसने खुदकुशी करने के लिए जहर खा लिया। अगले दिन सुबह किशोरी के नहीं उठने पर परिजन कमरे में गए। जिसके बाद उन्हें जहर खाने की घटना का पता चला। परिजनों ने किशोरी को उपचार के लिए सिस अस्पताल भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान शनिवार की देर रात तुलसी ने दम तोड़ दिया।
मेंटल हैल्थ एक्सपर्ट और संस्थापक मानसयुक्ति डॉ. सुजाता पाण्डेय ने बताया कि बच्चों के खुदकुशी करने की कोशिश के अधिकांश मामले रिपोर्ट ही नहीं होते हैं। आज के वातावरण में जितना तनाव 40 वर्ष के व्यक्ति को है, उतना कि 4 वर्ष के बच्चों को मिल रहा है। शिक्षा अब एक प्रतियोगिता बनकर रह गई है। परिवार का प्यार नहीं मिल रहा है। माता-पिता के पास बच्चों के लिए समय नहीं है।
परिजन हमेशा कार्य में व्यस्त रहते हैं। पहले मां सिर्फ बच्चों का ध्यान रखती थी। लेकिन अब वर्किंग के कारण तालमेल नहीं बन पा रहा है। आधुनिक युग में बच्चों के पास जानकारी का बहुत माध्यम है। मोबाइल का नशा भी बच्चों को होने लगा है। भावनात्मक रूप से पालक अपने बच्चों के साथ नहीं जुड़े हैं। इसलिए ये घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
बच्चों को अकेलापन महसूस न होने दें
बच्चों में सहनशीलता कम हो रही है। बच्चों से बात करें। उसकी भावनाओं को गंभीरता से। वहीं उन्हें बताए कि परिवार उनके साथ है। बच्चों को अकेलापन बिलकुल भी महसूस न होने दें।
डॉ. दिनेश अग्रवाल, मनोरोग विशेषज्ञ
Published on:
23 Jun 2025 12:35 pm