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प्रशासन की बेहयाई, बना दबाव तो वैभव की 36 घंटे बाद रिहाई

locationबिलासपुरPublished: Nov 09, 2017 10:55:26 am

Submitted by:

Amil Shrivas

मामला सुर्खियों में आने के बाद वैभव को बुधवार को जमानत मिल सकी।

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बिलासपुर . कलेक्टर के आदेश पर जनदर्शन से गिरफ्तार फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री को बमुश्किल तीसरे दिन सेंट्रल जेल से रिहाई मिल सकी। लेकिन इसके लिए भी कलेक्टोरेट में दिनभर प्रशासन का नाटकीय घटनाक्रम चला। शाम के समय रिहाई आदेश जारी किया गया। रिहाई के समय दो दर्जन से अधिक फार्मासिस्ट जेल परिसर में मौजूद रहे। गौरतलब है कि सोमवार को फार्मासिस्ट वैभव शास्त्रभ्ी कलेक्टोरेट के मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देने पहुंचा था। कलेक्टर ने पुलिस को आदेश देकर उसे जेल भिजवा दिया था। थाने के सामने हंगामा करने का आरोप लगाया गया, जबकि फार्मासिस्ट तो उस समय मंथन सभाकक्ष में मौजूद था, उसे वहीं से पकड़वाकर जेल भेजा गया। उसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक धारा 151, 107,116 के तहत कार्रवाई की गई। लेकिन उसे शाम तक जमानत नहीं दी गई। दूसरे दिन भी बहानेबाजी करके उसके जमानत आवेदन पर विचार नहीं किया गया। पत्रिका ने इसे लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। मामला सुर्खियों में आने के बाद वैभव को बुधवार को जमानत मिल सकी।
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बुधवार को ये नाटकीय घटनाक्रम : जेल में बंद फार्मासिस्ट के परिजन, अधिवक्ता ने बुधवार को सुबह से ही जमानत के लिए सभी प्रक्रिया व दस्तावेज पूर्ण कर लिए। लेकिन सिटी मजिस्टे्रट केएस पैकरा दोपहर तक मौजूद नही थे। दोपहर में सिटी मजिस्टे्रट ने जमानत के लिए पेश ऋण पुस्तिका की जांच कराने बात कही। बताया गया कि तहसीलदार ऋण पुस्तिका के असली-नकली होने जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगा। कुछ देर बाद ये बताया गया कि अगली सुनवाई 10 नवंबर होगी। फिर ये कहा, कि तहसीलदार की रिपोर्ट शाम तक आने पर विचार कर लेंगे। आखिरकार शाम को लगभग 6 बजे सिटी मजिस्टे्रट ने फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री को रिहा करने के आदेश जारी किए।
शाम सवा 7 बजे हुई जेल से रिहाई: बुधवार की शाम 7.75 बजे फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री को सेंट्रल जेल से रिहा किया गया। रिहाई के दौरान उनके परिजन और दो दर्जन से अधिक फार्मासिस्ट जेल परिसर में मौजूद थे।
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मुखबिरों को बनाया गवाह : वैभव पर सिविल लाइन थाने के सामने हंगामा मचाने का आरोप लगाया गया। इसमें पुलिस के मुखबिरों को गवाह बनाया गया था।
जमानत के लिए पहले दिन ये हुआ : सोमवार को गिरफ्तारी के बाद वैभव को सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया गया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। उनके न होने पर लिंक सिटी मजिस्टे्रट दिलेराम डाहिरे के न्यायालय में लाया गया। जमानत आवेदन पेश किया गया, लेकिन सक्षम जमानतदार नहीं होने और ऋण पुस्तिका का पी-वन व पी-टू दस्तावेज नहीं होने की बात कहकर वैभव को जेल भेज दिया गया था।
दूसरे दिन ये बहानेबाजी : दूसरे दिन जमानत के दस्तावेज को सिटी मजिस्टे्रट के पास फार्मासिस्ट के अधिवक्ता हेमंत दिघ्रस्कर ने जमा कराना चाहा। लेकिन दस्तावेज लिए ही नहीं गए। फार्मासिस्ट शास्त्री के परिजनों ने जिला प्रशासन की अनुचित कार्रवाई को आम जनमानस के सामने लाने का श्रेय ‘पत्रिका’ को दिया। पत्रिका ने पहले दिन से ही इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
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मीडिया कर्मियों से दुव्र्यवहार उचित नहीं-अमर : सोमवार को जनदर्शन के दौरान मीडिया कर्मी से हुए दुव्र्यवहार को लेकर बिलासपुर पे्रस क्लब अध्यक्ष तिलक राज सलूजा एवं सचिव विश्वेश ठाकरे के नेतृत्व में मीडिया कर्मियों ने बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। इसे लेकर मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा, मीडिया कर्मियों के साथ कलेक्टर का एेसा व्यवहार अनुचित है। नगरीय प्रशासन मंत्री ने इस मामले में कलेक्टर से चर्चा करने की बात कही। इसके पूर्व प्रेस क्लब ने संभागीय आयुक्त टीसी महावर की अनुपस्थिति डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन दिया। इसमें कलेक्टर द्वारा मीडिया कर्मियों से किए गए दुव्र्यवहार पर गंभीर चिंता जताई गई। डिप्टी कमिश्नर ने गुरुवार को संभागीय कमिश्नर के लौटने पर वस्तुस्थिति से अवगत कराने की बात कही।
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