
Kissing scene on screen
नई दिल्ली। बॉलीवुड में आज की फिल्मों के बारे में बात करें, तो हॉट सीन के बिना फिल्में अधुरी है। मेकर्स भी अपनी फिल्म (Kissing scene)को हिट बनाने के लिए किसिंग सीन को लेना जरूरी मानते हैं। आज की तारीख में सिल्वर स्क्रीन पर किसिंग सीन देना फ़िल्म की सफलता का एक बड़ा साधन बना हुआ है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब फिल्म बिना किसिंग सीन के सूट होती थी। उस दौरान इन सीन्स को पूरा करने के लिये 'बेडरूम सीन' देने के वक्त रोमांस को दो फूलों या पक्षी के जोड़ों के जरिए रुपहले पर्दे पर पेश किया जाता था, यहां तक कि ऐसे सीन्स को या तो प्रतिबंधित कर दिया जाता था या उन पर लोग कड़ी आपत्ति जताते थे।लेकिन आज के समय में 'किसिंग सीन' फिल्म की पहली जरूरत बन चुका है. 'किस' करना एक्टर-एक्ट्रेस के लिए मजबूरी बन चुकी है।
1933 में इस फिल्म से शुरू हुई किसिंग सीन की शुरूआत
बॉलीवुड में किसिंग सीन की शुरूआत देश की आजादी से पहले ही शुरू हुई थी। साल 1933 में आई फिल्म 'कर्मा' में मशहूर अदाकारा देविका रानी ने चार मिनट लम्बा किसिंग सीन शूट करके हंगामा मचा दिया था यह भारतीय सिनेमा का पहला सबसे लंबा किसिंग सीन शूट किया था जिसमें देविका ने अपने पति हिमांशु राय के साथ किया था। इसके बाद जब यह फिल्म बनकर सामने आई तो इस फिल्म ने रिकार्ड बनाने के साथ बबाल तक खड़ा कर दिया था।
1950-60 के दशक में पर्दे पर बदलाव
इसके बाद देश की अजादी के बाद से फिल्म सेसंर बोर्ड की स्थापना हुई और उन्होनें कुछ इसमें बदलाव करने की कोशिश की। साल 1950s-60s के दशक में आई फिल्म अराधना में ऐसे हॉट सीन के लिए एक गाने को ‘रूप तेरा मस्ताना’ को एक जलती लकड़ी के सहारे से लवमैकिंग सीन दर्शाया गया था।
1970-80 के दशक में पर्दे पर हुई बोल्डनेस की दस्तक
१९५० और ६० के दशक में रूढ़िवादी पंरपरा के चलते फिल्मों में दर्शकों को भले ही कम रोमांस देखे को मिला हो, लेकिन 1970 के दशक की शुरुआत के साथ, फिल्म निर्माताओं ने समाज की सोच को बदलने का फैसला किया। निर्देशक राज कपूर ने अपनी फिल्मों में ऐसी सीन की बाढ़ लगा दी। जिनमें फिल्म बॉबी के बोल्ड सीन ने तहलका मचा दिया। इसके बाद कभी किसी फिल्म में अभिनेत्रियों को स्विमसूट पहनाकर दर्शकों का मनोरंजन किया या फिर उन्हें गीली साड़ियों में दिखाया।
राज कपूर ने साल 1973 में आई फिल्म 'बॉबी' में स्क्रीन पर काफी किस सीन दिखाए। राकपूर ने फिर दूसरी फिल्म 1978 की फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' में शशि कपूर और जीनत अमान ने बोल्ड सीन की सारी हदें पार कर दीं। बाद में उन्होंने अपनी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से बोल्डनेस को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया। एक झरने के नीचे बैठी मंदाकिनी, अपनी गीली साड़ी के दृश्य को लोग आज भी याद करते हैं।
इसके बाद 80 और 90 के दशक की फिल्म में बोल्ड सीन्स को उस समय देखने को मिला, जब साल 1988 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘दयावान’(Dayavan) में विनोद खन्ना(Vindo Khanna) माधुरी दीक्षित(Madhuri Dixit) पर प्यार लुटाते नजर आए थे। तब उनके बोल्ड सीन्स ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
1990 के दशक से 2010 में बोल्ड सीन ने लगा दी आग
1990 के दशक में किसिंग(Kissing Scene) और इंटीमेट सीन्स के बगैर फिल्में अधूरी मानी जाने लगीं। करिश्मा कपूर और आमिर खान ने 1996 की फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' में एक मिनिट का किसिंग सीन देकर हलचल पैदा कर दी थी।
फिर धीरे धीरे साल 2003 की फिल्म 'ख्वाहिश' में, गोविंद मेनन मल्लिका शेरावत और हिमांशु मलिकने स्क्रीन पर 17 गुना चुंबन देकर धमाल मचा दिया था। यह फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही लेकिन इसने काफी सुर्खियां बटोरी थी।नेहा धूपिया की 2004 की फिल्म 'जूली' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाका किया, इसके बावजूद कि बॉलीवुड में सेक्स बिकता है।
इतना ही नही अनुराग बसु की कामुक थ्रिलर 'मर्डर' थी जिसने बॉलीवुड में हलचल मचा दी थी। इमरान हाशमी और मल्लिका शेरावत इस फिल्म में अपनी सेक्सुअल केमिस्ट्री से रातोंरात स्टार बन गए। बाद में ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय जैसे अभिनेताओं ने 'धूम 2' में और शाहिद कपूर और करीना कपूर ने 'जब वी मेट' में और विद्या बालन और अरशद वारसी ने 'इश्किया' में उनके नक्शेकदम पर चले।
Published on:
07 Jul 2021 11:14 am
बड़ी खबरें
View Allबॉलीवुड
मनोरंजन
ट्रेंडिंग
