क्या हुआ था उस दिन? 26 जुलाई, 1982 को फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग हो रही थी। ये शूटिंग बंगलुरु से कुछ 16 किलोमीटर दूर हो रही थी। इस दिन फिल्म के फाइट सीन शूट किया जा रहा था। सीन में पुनीत इस्सर को अमिताभ को मुक्का मारना था।पुनीत ने मुक्का मारा भी लेकिन अमिताभ बच्चन अपनी जगह से हट नहीं पाए और मुक्का उनके पेट पर लग गया। इसके बाद अमिताभ शूटिंग रोककर होटल चले गए. लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी हालत खराब होने लगी। इसके बाद उन्हें गलोर के सेंट फिलोमेनाज़ हॉस्पिटल (St. Philomena’s Hospital) में एडमिट करवाया गया। एक्स-रे हुआ, लेकिन डॉक्टर्स को कुछ समझ नहीं आया। अमिताभ को नींद की गोली देकर सुला दिया गया। खबर मिलते ही मां तेजी, पत्नी जया और भाई अजिताभ बैंगलौर पहुंचे। वे उन्हें वो उन्हें मुंबई ले जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर्स ने इसकी इजाजत नहीं दी।लेकिन हालत बिगड़ने लगी तो वहां से उन्हें तत्काल प्रभाव से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल लाया गया।
पेट की झिल्ली और छोटी आंत फट गई थी ब्रीच कैंडी के डॉक्टर्स ने ऑपरेशन का फैसला लिया। उन्होंने पेट चीरकर देखा तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली और छोटी आंत फट गई थी। ऐसा हालत में कोई भी इंसान 3 से 4 घंटे में मर जात है लेकिन अमिताभ 3 दिन से ये दर्द झेल रहे थे।
61 दिन तक अस्पताल में थे अमिताभ लगभग 61 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद अमिताभ अपने घर पहुंचे। रास्ते में घर जाते हुए बिग बी ने देखा मुंबई की सड़के उनके पोस्टर्स से पटी पड़ी थीं। लोगों ने उनकी सलामती के लिए पूजा हवन तक करवाया था। लोगों की बेकाबू भीड़ घर पर उनका इंतजार कर रही थी। घर पहुंचकर उन्होंने हाथ हिलाकर अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। बता दें इसे फिल्म कुली के अंतिम सीन के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।