नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने रमन राघव 2.0, किक, मोतीचूर चकनाचूर, सैक्रेड गेम्स, गैंग्स ऑफ वासेपुर, बदलापुर, रईस, फ्रीकी अली, बजरंगी भाईजान जैसी ढेरों फिल्मों के अपने सकारात्मक एवं नकारात्मक किरदार को इतनी शिद्दत से निभाया कि उनके डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबान पर हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने करियर में आज जिस भी मुकाम पर हैं उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत तथा संघर्ष की एक लंबी दास्तान है।
इसके अलावा अपनी बेहतरीन अदाकारी के साथ ही नवाजुद्दीन सिद्दीकी खुलकर अपने विचार रखने के लिए भी जाने जाते हैं। इसी क्रम में हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड पर एक ऐसा इल्जाम लगाया है, जिससे फिर से वह सुर्खियों में आ गए हैं। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
यह भी पढ़ें:
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का मानना है कि, इस फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) से ज्यादा रेसिजम यानी जातिवाद की समस्या है। जो कि इंडस्ट्री में काफी अधिक है। उन्हें लगता है कि जातिवाद की समस्या नेपोटिजम से भी बड़ी है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि, किस तरह उन्होंने कई सालों तक सिनेमा जगत में इसके खिलाफ संघर्ष किया। लेकिन अब वह उम्मीद करते हैं कि, सांवली ऐक्ट्रेसेस को भी हीरोइन बनाया जाए, यानी अहम किरदार निभाने के लिए मौका दिया जाए जो कि काफी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बड़ा बयान देते हुए यह भी कहा है कि, अगर स्किन कलर की भी बात ना की जाए, तो भी इस इंडस्ट्री में काफी पक्षपात है जिसका खत्म होना बेहद आवश्यक है, ताकि अच्छी फिल्में बन सकें। साथ ही उन्हें कई सालों तक उनके रंग और कद के कारण रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। उन्होंने यह भी कहा कि, उनके अलावा कई ऐसे महान कलाकार हैं जो पक्षपात का शिकार हो चुके हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में सुधीर मिश्रा की ‘सीरियस मेन’ में अपनी कमाल की परफॉर्मेंस के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय एमी पुरस्कार’ में नामांकन हासिल किया है।