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अजय देवगन के इन संस्कार से बच्चे ले रहे है सीख,घर पर बने है रियल सिंघम

अजय देवगन ने अपना 51वां जन्मदिन मनाया है अजय देवगन एक फैमिली मैन हैं।

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Ajay Devgan

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नई दिल्ली। अजय देवगन बॉलीवुड में एक ऐसा नाम है जिनकी सब दिल से इज्जत करते है, फिल्मों की सेंचुरी जड़ चुके अजय देवगन 29 सालों से बॉलीवुड में हर दिन कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। अजय देवगन हालांकि 50 साल के हो गए हैं लेकिन उम्र उनकी मेहनत के आगे कोई मायने नहीं रखती है। अजय देवगन का अभिनय उन्हें हरदिन नया मुकाम और नई शोहरत दिला रहा है।

अजय अपने काम को ले कर जितने समर्पित है उतनी ही सादगी पसंद हैं, फिल्मी गॉशिप और विवादों से सुर्खियां बटोरना उन्हें नापसंन्द है। शूटिंग की व्यस्तताओं के बीच अजय देवगन अपनी पत्नी काजोल और अपने बच्चों को पूरा-पूरा समय देते हैं और उनसे खाली समय में बात भी करते हैं।

बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान अजय देवगन ने यह स्वीकार किया कि वह एक फैमिली मैन हैं।

बच्चों को संस्कारी बनाना है कर्तव्य-

पत्नी और बच्चों के विषय में अजय खुल कर बात करते हैं, अजय देवगन का कहना है कि- 'मैं अपने बच्चों को पर्याप्त समय देता हूं'। उन्होंने कहा कि- 'मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे सच्चे और ईमानदार हों, अगर वो खुद से ईमानदार बनेंगे तो वे हमसे भी ईमानदार रहेंगे। मैं चाहता हूं कि बच्चे सभी की इज्जत करें, जब बच्चे दूसरों का सम्मान करते हैं, तो वो अपने संस्कारों को बनाए रखते हैं।'

सनसनी से परहेज है अजय को

सोशल मीडिया के बारे में बात करते हुए अजय देवगन ने कहा कि- 'मेरा मानना है कि जब आपका काम पूरा हो जाता है तो चुप हो जाना चाहिए। लोग सब समझते हैं। बात करना लोगों का काम है आपका नहीं।' अजय देवगन ने कहा कि 'मैं खुशकिस्मत हूं कि लोग मुझे सम्मान के साथ मिलते हैं।' अजय देवगन का सफलता या असफलता पर सीधा सा फंडा है उन्होंने कहा कि- 'आपको सफलता हासिल कर चिल्लाने की जरुरत नहीं होती है। जो भी आप हासिल करते हैं वह अस्थायी है। और मुझे अस्थायी चीजों पर विश्वास नहीं है। वे कभी टिकते नहीं।'

संस्कार पिता से मिली विरासत में

अजय देवगन अपने पिता वीरू देवगन के काफी करीब रहे हैं, अजय ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए इमोशनल हो कर भावनाओं को शब्दों से व्यक्त किया- 'पिता की याद तो आती है, हर दिन किसी ना किसी वजह से मुझे वे याद आते ही हैं। बचपन की उनकी सीख मेरे लिए जीवन भर की धरोहर है, और अपने बच्चों को भी उसी पद चिन्हों पर चलाने की कोशिश करता हूँ।'