
फिल्म शोले में गब्बर के रोल को भला कौन भूल सकता है। इस किरदार को निभाने वाले अमजद खान आज भले ही हमारे बीच में न हो लेकिन उन्होंने अपने गब्बर के किरदार को इतना बखूबी निभाया कि लोग आज भी उन्हें याद करते रहते हैं। उनका जन्म 12 नवंबर 1940 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई मुंबई से की ही थी और कॉलेज भी यहीं से किया। कॉलेज के दिनों से ही अमजद खान थियेटर से जुड़ गए थे। एक्टिंग में आने के बाद अमजद 70 और 80 के दशक के विलेन बनकर उभरे। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कई ऐसे किरदार निभाए जो हिंदी सिनेमा के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए, जिनमें से एक है 'गब्बर' का किरदार।
अमजद खान के करियर के लिए शोले मील का पत्थर साबित हुई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमजद खान को गब्बर सिंह के रोल के लिए एक धोबी से प्रेरणा मिली थी। फिल्म 'शोले' के 'ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर', 'कितने आदमी थे' जैसे डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं। हालांकि, इस रोल के लिए अमजद खान पहली पसंद नहीं थे। उनसे पहले अभिनेता डैनी को गब्बर का रोल ऑफर हुआ था। लेकिन शूटिंग के लिए डेट न होने के कारण ये रोल अमजद खान को मिल गया।
फिल्म में जब अमजद हथेली पर तंबाकू मलते हुए गब्बर सिंह बोलता था अरे वो सांभा, तेरा क्या होगा कालिया, कितने आदमी थे तो लोग तालियां बजाने पर मजबूर हो जाते थे। लेकिन ये स्टाइल उन्होंने गांव के एक धोबी से सीखा था। जो रोज सुबह सुबह लोगों से इसी अंदाज में बात किया करता था। अमजद खान उसे धोबी के स्टाइल से खासे प्रभावित थे। वह धोबी के बोलने के अंदाज को गौर से सुना करते थे। उन्होंने किसी विलेन की कॉपी करने की बजाए उस धोबी के अंदाज को ही अपनाया।
शूटिंग के दौरान जब धोबी के स्टाइल में डायलॉग बोले तो पूरी यूनिट हैरान रह गई थी। फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने भी उनकी खूब तारीफ की। बता दें कि अमजद खान ने शोले के अलावा उन्होंने 'परवरिश', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'लावारिस', 'हीरालाल-पन्नालाल', 'सीता और गीता' जैसी फिल्मों में काम किया था।
Updated on:
05 Feb 2022 01:00 am
Published on:
12 Nov 2021 10:26 am
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