Ashish Vidyarthi Story: फिल्मों में जब भी दमदार विलेन की बात होती है, तो आशीष विद्यार्थी का नाम ज़रूर लिया जाता है। अपने अनोखे अंदाज और शानदार एक्टिंग से उन्होंने बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों में दर्शकों के दिलों में डर और इज्जत दोनों ही जगह बनाई है। एक्टर आज 19 जून को वे अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं।
आशीष अब तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं और 11 भाषाओं में अपने अभिनय का हुनर दिखा चुके हैं। वे सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर ही नहीं, बल्कि मोटिवेशनल स्पीकर और फूड व्लॉगर भी हैं।
उनके नाम में जुड़ा ‘विद्यार्थी’ शब्द भी उतना ही दिलचस्प है, जितने उनके फिल्मी किरदार। क्या आप जानते हैं कि उन्होंने ये सरनेम क्यों अपनाया?
आशीष विद्यार्थी का जन्म 19 जून, 1962 को केरल के कुन्नूर में हुआ था। उनके पिता गोविंद विद्यार्थी एक मलयाली थिएटर आर्टिस्ट थे, जबकि मां रीवा विद्यार्थी एक मशहूर कथक नृत्यांगना थीं, जिनकी जड़ें राजस्थान और पश्चिम बंगाल से जुड़ी थीं।
इस परिवार में आशीष का बचपन थिएटर और कला के बीच बीता। छोटी उम्र में ही वे दिल्ली आ गए, जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ऑनर्स की डिग्री हासिल करने के बाद आशीष ने भारतीय विद्या भवन के मेहता विद्यालय में एक्टिंग और ड्रामेटिक्स की ट्रेनिंग ली।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में पढ़ाई के दौरान उन्होंने थिएटर में अपनी प्रतिभा को निखारा, जिसने उनके अभिनय करियर की नींव रखी।
आशीष का सरनेम ‘विद्यार्थी’ उनके पिता गोविंद ने स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार गणेश शंकर विद्यार्थी के सम्मान में अपनाया था। दरअसल, गोविंद युवावस्था में गणेश शंकर विद्यार्थी के किरदार को थिएटर में निभाया करते थे। इस किरदार ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अपने नाम के साथ ‘विद्यार्थी’ जोड़ लिया। बाद में यह सरनेम न केवल उनके बेटे आशीष के साथ जुड़ गया बल्कि उनकी पहचान भी बन गया।
पिता से मिले सरनेम के साथ ही आशीष ने अभिनय की इस विरासत को भी बखूबी संभाला और इसे गौरवमयी बनाया।
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार खलनायकी के लिए मशहूर आशीष विद्यार्थी ने एक्टिंग की शुरुआत 1986 में कन्नड़ फिल्म ‘आनंद’ से की थी। बॉलीवुड में उन्होंने 1994 में फिल्म ‘द्रोहकाल’ से डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके शानदार अभिनय ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिलाया।
इसके बाद उन्होंने ‘1942: अ लव स्टोरी’, ‘बाजी’, ‘नाजायज’, ‘बिच्छू’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘कहो ना प्यार है’ और ‘जोड़ी नंबर 1’ जैसी कई हिट फिल्मों में अपनी खास मौजूदगी दर्ज कराई।
आशीष ने अब तक हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, मराठी, ओड़िया और अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं में 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है। फिल्म ‘इस रात की सुबह नहीं’ के लिए उन्हें स्टार स्क्रीन अवॉर्ड भी मिल चुका है। साउथ फिल्मों जैसे ‘AK-47’, ‘वंदे मातरम’ और ‘नंदी’ में उनके निभाए किरदारों को भी काफी सराहा गया।
उनकी हाल की फिल्म ‘गुडबाय’ (2022) में वे अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना के साथ नजर आए थे, जिसमें उनकी भूमिका को खूब पसंद किया गया। इसके अलावा वे टीवी शो ‘हम पंछी एक चाल के’ में भी अपनी एक्टिंग से छाप छोड़ चुके हैं।
आशीष केवल खलनायक की छवि तक सीमित नहीं हैं। वह मोटिवेशनल स्पीकर और फूड व्लॉगर भी हैं। पिछले कुछ सालों से आशीष सोशल मीडिया पर अपने फूड व्लॉगिंग अंदाज से भी चर्चा में हैं। वह देश-विदेश की गलियों में चाय की टपरी से लेकर स्थानीय व्यंजनों तक का स्वाद चखते हैं और अपने अनुभव फैंस के साथ शेयर करते हैं।
Published on:
19 Jun 2025 06:07 am