scriptHappy Birthday Jackie Shroff: भाई को मौत के आगोश में जाते देख खाई थी ये कसम, जानिए जैकी की जिंदगी की सबसे दर्दनाक सच्चाई | Birthday special : Jackie Shroff today is celebrating his 63rd birthda | Patrika News

Happy Birthday Jackie Shroff: भाई को मौत के आगोश में जाते देख खाई थी ये कसम, जानिए जैकी की जिंदगी की सबसे दर्दनाक सच्चाई

locationनई दिल्लीPublished: Feb 01, 2020 12:29:51 pm

Submitted by:

Pratibha Tripathi

एक्टिंग के लिए मशहूर एक्टर जैकी श्रॉफ(Jackie Shroff) आज मना रहे है अपना 63वां जन्मदिन
जैकी श्रॉफ ने 40 साल के करियर में लगभग220 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।

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नई दिल्ली। बॉलीवुड में अपने अलग अंदाज और अभिनय से पहचान बनाने वाले हीरो जैकी श्रॉफ(Jackie Shroff) आज अपना 63वां बर्थडे मनाने जा रहे हैं। जैकी श्रॉफ(Jackie Shroff) ने अपने 40 साल के करियर में लगभग 220 से ज्यादा हिट फिल्में दीं। जैकी श्रॉफ(Jackie Shroff) आज जितने करोड़पति है उतने ही ज्यादा उनका बचपन बेहद गरीबी से बीता था। आज हम आपको उनके जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे है जिसने बदल दी थी उनकी जिंदगी।

एक्टर जैकी श्रॉफ(Jackie Shroff) के असली नाम के बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते होगें कि उनका सही नाम जय किशन काकूभाई श्रॉफ है। स्कूल के समय में जय किशन को उनका पूरा नाम बुलानें में हर किसी को बड़ी ही कठिनाई होती थी इसलिये उऩ्हें उनके दोस्त जैकी कहकर बुलाने लगे। नाम के बदल जाने के बाद उनकी जिंदगी में एक ऐसी घटना भी घटी जिसनें उन्हें अंदर से हिला कर रख दिया। और इसके बाद जनम हुआ है जग्गू दादा का।

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एक इटंरव्यू के दौरान जैकी ने बताया था कि जब वह महज 10 साल के थे तब उनके भाई की मौत उनकी आखों के सामने हुई थी। जैकी श्रॉफ ने बताया, ‘कि जग्गू दादा के नाम से भले ही लोग मुझे बुलाते है लेकिन यह नाम मेरे छोटे भाई का था। जब मेरा परिवार मालाबार हिल में स्थित तीन कमरे के एक चॉल में रहता था और इसी चॉल का असली जग्गू दादा मेरा भाई था। जो वहां की बस्ती के लोगों की हमेशा मदद करने के लिए आगे खड़ा रहता था। एक दिन मेरे भाई ने समुद्र में एक आदमी को डूबते हुए देखा। उसे बचाने के लिए उसने तुरंत छलांग लगा दी थी। हालांकि, उसे तैरना नहीं आता था। इस कारण वह भी डूबने लगा था।’

जैकी आगे बताते हैं, ‘मैंने अपनी आखों के सामने उसे पानी के अंदर डूबते हुए देखा तो उसे बचाने के लिए मैने केबल लाइन उसकी तरफ फेंकी। उसने वह केबल पकड़ ली, लेकिन कुछ ही समय के बाद वह केबल उसके हाथ से फिसल गई थी। और धीरे धीरे वो पानी के अंद जाने लगा। उसे मौते आगोश में जाते हुए देख मेरा दिल पूरी तरह से टूट गया। और तब से मैने कसम खाई कि बस्ती वालों की मदद करुंगा। इस कारण मैं जग्गू दादा बन गया।’

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