
bollywood actress lalita pawar did not leave films till her death
कभी दयालु मां तो कभी दुष्ट सास का किरदार निभाने वालीं वेट्रन एक्ट्रेस ललिता पवार उनमें से ही एक हैं। इन्होंने सात दशक तक 700 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय से सबको चौकाया। साल 1916 में जन्मीं ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव शगुन था। साल 1928 में उन्होंने साइलेंट फिल्म राजा हरीशचंद्र से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें 18 रुपए दिए गए थे। ललिता पवार का सबसे प्रचलित किरदार 'रामायण' में मंथरा का था। इन्होंने 24 फरवरी 1988 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया था।
ललिता पवार 9 साल की उम्र से ही फिल्मों में एक्टिव थीं और उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 700 फिल्मों में काम किया था। 1934 में उन्होंने टॉकी फिल्मों में काम करना शुरू किया। ललिता पवार एक साल में 12 से अधिक फिल्मों में काम किया करती थीं। ललिता पवार ने शास्त्रीय संगीत भी सीखा था। साल 1955 ललिता पवार ने श्री 420, मिस्टर और मिसेज 55 जैसी फिल्मों में काम किया। साल 1959 में आई फिल्म अनाड़ी में मिस डीसा का किरदार काफी पॉपुलर हुआ।
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एक थप्पड़ ने बदल दी थी जिंदगी-
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ललिता बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थीं, लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी पलटकर रख दी थी। 1942 में ललिता फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं। एक सीन के दौरान एक्टर भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था। भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से चांटा मार दिया कि उनके कान से खून बहने लगा और कान का पर्दा फट गया। इलाज के दौरान डाक्टर द्वारा दी गई किसी गलत दवा के नतीजे में ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया। लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और खराब हो गई। इसके चलते चेहरा खराब हो गया। इस घटना के बाद ललिता पवार को काम मिलना बंद हो गया, लेकिन वो जुटी रहीं और हार नहीं मानी। 948 में फिल्म ‘गृहस्थी’ से एक बार फिर वापसी की।
Published on:
13 May 2022 02:52 pm
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