
Disha Salian -Sushant Singh Rajput
Disha Salian Case Update: बॉम्बे हाईकोर्ट आज, बुधवार को दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की मौत से जुड़े मामले में उनके पिता सतीश सालियान द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करेगा।
याचिका में दिशा की मौत की न्यायिक जांच की मांग की गई है। उन्होंने अपनी बेटी की मौत की नए सिरे से जांच और कुछ पॉवरफुल लोगों से पूछताछ की मांग कर रहे हैं। जिसमें आदित्य ठाकरे समेत चार प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ जांच की बात की गई है।
याचिका में उन्होंने दावा किया था कि दिशा का बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। दिलचस्प बात यह है कि सतीश सालियान ने पांच साल पहले जोर देकर कहा था कि उनकी बेटी का बलात्कार नहीं किया गया और उसकी हत्या नहीं की गई।
जब मीडिया ने इस बारे में सवाल किया, तो सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने कहा कि "कुछ राजनीतिक नेताओं और पुलिस ने परेशान पिता को बरगलाया, जो एक प्रमुख राजनेता के बेटे को बचाना चाहते थे।"
नीलेश ओझा ने 25 मार्च को दिशा की मौत के मामले में एक नई एफआईआर दर्ज की थी।
केस को लेकर ओझा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है और एफआईआर में आदित्य ठाकरे, डिनो मोरिया और सूरज पंचोली का नाम दर्ज है।
ओझा के मुताबिक, "आदित्य ठाकरे, डिनो मोरिया, सूरज पंचोली और उनके बॉडीगार्ड परमबीर सिंह, सचिन वाजे और रिया चक्रवर्ती सभी एफआईआर (FIR) में आरोपी हैं।"
ओझा ने दावा किया कि बॉडीगार्ड परमबीर सिंह इस मामले को छिपाने के मुख्य मास्टरमाइंड हैं। ओझा (एडवोकेट) ने कहा, "परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए झूठ गढ़ा। एनसीबी की जांच से साबित होता है कि आदित्य ठाकरे ड्रग के धंधे में शामिल थे और इसका जिक्र एफआईआर में भी किया गया है।"
ओझा ने कहा कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इस साजिश में शामिल थे क्योंकि उन्होंने पुलिस और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया, झूठे पुलिस रिकॉर्ड बनाए, गवाहों को दबाया और आपराधिक सबूत छिपाने की कोशिश की।
ओझा ने आगे कहा, "मेरा विनम्र अनुरोध है कि इन सभी कृत्यों पर तुरंत धारा 376 (डी), 302, 409, 120 (बी), 107, 109, 166, 167 और आईपीसी की अन्य लागू धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।"
इससे पहले, सीबीआई ने दिशा सालियान के मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि उसकी मौत आत्महत्या थी, हत्या नहीं। जांच में उसकी मौत को सुशांत सिंह राजपूत से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं मिला।
रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय मुद्दों (Financial Issues) और उसके पिता के कथित प्रेम संबंधों सहित व्यक्तिगत (पर्सनल) और स्ट्रेस ने उसके मानसिक संकट (Mental Distress) से गुजरने में योगदान हो सकता है।
आज की सुनवाई क्यों अहम?
बॉम्बे हाईकोर्ट में होने वाली यह सुनवाई दिशा सालियान मामले में आगे की जांच के लिए अहम साबित हो सकती है। अगर कोर्ट याचिका को स्वीकार करता है, तो इस मामले में नए सिरे से न्यायिक जांच हो सकती है।
Published on:
02 Apr 2025 02:01 pm
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