
independence day 2018: know intresting facts about movie haqeeqat
बॅालीवुड इंडस्ट्री में वक्त के साथ काफी बदलाव आए हैं। जैसे-जैसे नई तकनीकों का उपयोग हुआ फिल्मों को बनाने का तरीका भी बदलता गया। भारतीय सिनेमा में कई फिल्में ऐसी रही हैं जिन्होंने वास्तविक कहानियों को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर परोसा है। पिछले जमाने में जहां फिल्मों में स्क्रिप्ट, अच्छा अभिनय और निर्देशन पर ध्यान दिया जाता था आज वहीं बड़ा बजट, मॉर्डन तकनीक और उपयुक्त संसाधन पर पहले ध्यान दिया जाता है। पुरानी फिल्मों में निर्देशक और कलाकार बेहद सीमित संसाधनों में ही कमाल कर जाते थे। बता दें पुराने जमाने में कई फिल्में देशभक्ती पर आधारित होती थीं। उसी दौरान एक ऐसी कामयाब फिल्म बनी थी जिसने सिनेमा को एक नया नजरिया दिया था। वो फिल्म थी साल 1964 में रिलीज हुई धर्मेंद्र और बलराज साहनी स्टारर फिल्म 'हकीकत'।
1962 के भारत चीन युद्ध की कहानी बयां करती इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक आंखों से आंसू पोंछते हुए सिनेमाघरों से बाहर निकले थे। फिल्म की कहानी और संगीत दिलों को छू लेने वाला था। देशभक्ति से भरी यह फिल्म चीन के साथ भारत की जंग की उस कहानी को बताती है जब जवानों ने बिना भूख-प्यास, परिवार, दर्द और तकलीफों की परवाह किए अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी। उस जमाने में इस तरह की फिल्म लेकर आना बहुत बड़ी बात थी। यह फिल्म तब की है जब भारत वर्षों की गुलामी से आजाद हुआ था।
उस दौराम देश के हालात ठीक नहीं थे। लोगों के पास खाने-पीने तक को नहीं होता था। सेना भी इन हालातों से अछूती नहीं थी। लेकिन बावजूद इसके देशभक्ति का जज्बा ऐसा था कि बिना उपयुक्त हथियारों और बुनियादी संसाधनों के ही जवान मुल्क की रक्षा के लिए सीमा पर भिड़ गए।
उस दौरान भारतीय जवानों के पास पहनने को कपड़े नहीं थे, गोला बारूद नहीं था, लेकिन उनमें देशभक्ति का ऐसा जज्बा था कि राइफल में लगे चाकू के दम पर ही हजारों की तादात में सैनिक सीमा पर लड़ते रहे। तमाम जवान शहीद हुए। ये वो दौर था जब देश की महिलाओं ने प्रधानमंत्री युद्ध कोष में मदद के लिए अपने मंगलसूत्र तक दे दिए थे। उस दौरान आई इस फिल्म ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए थे। शायद ही कोई ऐसा भारतीय हो जो इस फिल्म को देखकर न रोया हो।
Published on:
14 Aug 2018 10:41 am
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