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हीरो बनने के लिए Jackie Shroff टॉयलेट के बाहर करते थे इंतज़ार, जाने क्यों

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2022 02:17:27 pm

Submitted by:

Manisha Verma

फ़िल्म ‘ हीरो ‘ ने जैकी श्रॉफ़ को रातों रात स्टार बना दिया। जैकी ने इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए काफ़ी ज़्यादा मेहनत की हैं। एक्टर का संघर्ष ही है कि वो आज इस मुक़ाम पर हैं।

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हिंदी फ़िल्म जगत के मशहूर अभिनेता जैकी श्रॉफ़ बतौर मॉडल हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में क़दम रखा था। इसके साथ ही फ़िल्म ‘स्वामी दादा’ ने जैकी को देवानंद के साथ एक छोटा सा रोल प्ले करने के लिए मिला था। 1983 में सुभाष घई की फ़िल्म ‘हीरो’ ने जैकी श्रॉफ़ को रातों रात ही स्टार बना दिया। इस फ़िल्म से ही जैकी श्रॉफ़ को ख़ूब नाम मिला था। जैकी ने इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए काफ़ी कड़ी मेहनत की हैं।
जैकी श्रॉफ़ ने इस बात का ख़ुलासा फ़राह ख़ान के शो ‘बैक बैचलर्स’ में सुनील शेट्टी के साथ पहुंच कर की थी। जब फ़राह ख़ान उनसे यह सवाल पूछती है कि “ मैंने सुना है कि ट्वायलेट की लाइन में लगकर तुम प्रोड्यूसर्स को बुलाते थे और कहानी सुनाते थे ? इस पर जैकी श्रॉफ़ हंसते हुए बोलते हैं कि “ सुबह रोज़ बाथरूम जाना पड़ता था सब लाइन में खड़े होते थे। उस वक़्त मैं हीरो बन गया था, प्रोड्यूसर्स राइटर्स घर में आया करते थे। उस वक़्त काम इतना ज़्यादा हुआ करता था कि एक साथ ही तीन पिक्चर्स की शूटिंग करनी होती थी। समय ना मिलने के साथ लाइन में खड़े होकर ही सुना दिया करता था”।
जैकी श्रॉफ़ ने आगे एक मज़ेदार क़िस्सा सुनाते हुए कहा “ मैं जब डब्बा लेकर खड़ा होता था और सुनील अंदर बैठा होता था तो उस वक़्त मैं उनसे कहता था जल्द निकल ना बिडू। इस बार सुनील मुझे कहते थे हां दादा दो मिनट दादा। तभी सामने वाला कहता था ‘ए मैं हो रे आगे’ । ऐसे जब वह लाइन में लगे होते थे। तभी जैकी कहानी सुनाया करते थे। यह कुत्ते का जान बचाया तूने अब उनके सामने तो मर गया और उसने रिवेंज लिया। फिर अंदर से एक आदमी बोलता था दादा अच्छा नहीं हैं। लेकिन सुनील सेठी अंदर बाथरूम से कहते थे की कहानी में दम हैं। इसके साथ ही जैकी श्रॉफ़ ने इस बात का भी ख़ुलासा किया था कि जब वो हीरो बन गए थे उसके बाद भी वह चाॅल में रहा करते थे।
जैकी श्रॉफ़ ने अपनी पढ़ाई के बारे में बताया कि जब वह सातवीं क्लास से उन्होंने पढ़ाई शुरू ही किया था। उनकी मां उन्हें स्कूल भेजना नहीं चाहती थी। उनकी मां को ऐसा लगता था कि उनका बेटा बिगड़ जाएगा।
जैकी बोलते हैं कि उनकी मां को ऐसा लगता था कि जो मेरे बाज़ू में बच्चा बैठेगा उसकी बीमारियां मुझे हो जाएगी। जैसे कि अगर उसे खुजली है तो वो मुझे हो जाएगी अगर उसके बालों में जुएं हैं तो वो मुझे हो जाएंगे।
आपको बता दें कि जैकी श्रॉफ़ ने हिंदी फ़िल्म जगत को एक से बढ़कर एक फ़िल्में दी हैं। जैकी ने अपने टाइम पे अपनी एक्टिंग के बलबूते लोगों का दिल जीता हैं। जैकी की फ़ैन फॉलोइंग आज भी दमदार हैं। फ़िलहाल बॉलीवुड में जैकी के बेटे टाइगर श्रॉफ़ बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स में से गिने जाते हैं।

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