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फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना का किरदार निभाएंगी जाह्नवी, जानिए इस जांबाज महिला की असली कहानी

जाह्नवी कपूर की अगली फिल्म Gunjan Saxena पर बन रही Biopic है। आइए जानते हैं कौन हैं गुंजन सक्सेना

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Jhanvi Kapoor as Gunjan Saxena

Jhanvi Kapoor as Gunjan Saxena

मुंबई। दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर ने इसी साल 'धड़क' मूवी से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इससे पहले और बाद में जाह्नवी अपनी युवा इमेज के चलते लोकप्रिय हो गई हैं। अब उनके खाते में दो और फिल्में जुड़ गई हैं। इनमें से एक है करण जौहर की 'तख्त' और दूसरी है महिला Flight Lieutenant Gunjan Saxena पर बन रही बायोपिक।

गुंजन सक्सेना पर बायोपिक (Gunjan Saxena Biopic)
फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना पर बन रही बायोपिक में जाह्नवी कपूर नजर आने वाली हैं। हाल ही में जाह्नवी की एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें उन्होंने फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन का लुक लिया हुआ है। अपने किरदार को और समझने और परदे पर उसे जीने के लिए जाह्नवी ने गुंजन से मुलाकातें भी की हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं गुंजन सक्सेना और किस काम के लिए देश इन्हें करता है सलाम:

गुंजन सक्सेना को श्रीविद्या राजन के साथ 1994 में भारतीय वायुसेना के पहले महिला ट्रेनी पायलट बैच में देश की सेवा करने का मौका मिला। सैनिक परिवार में पली-बढ़ी गुंजन के पिता और भाई भी सेना में थे। इसीसे उनको सेना में जाने का जज्बा जागा। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से स्नातक करने के बाद गुंजन ने एयरफोर्स ज्वॉइन किया था।

कारगिल में दिखाया जलवा
गुंजन की असली परीक्षा कारगिल युद्ध के समय हुई। गुंजन और श्रीविद्या भारत की ओर से युद्ध में भाग लेने वाली पहली महिला पायलट थीं। उन्हें घायल भारतीय सैनिकों को राशन सप्लाई करने और सबसे अहम युद्ध क्षेत्र में पाकिस्तानी पोजिशंस पर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

दोनों ने पहली बार छोटा फाइटर एयरक्राफ्ट 'चिता' उड़ाया था। इस विमान में उनके पास इंसास राइफल और रिवॉल्वर ही हथियार के रूप में था। ये भी उस समय के लिए जब विमान दुश्मन के इलाके में क्रेश हो जाए और उन्हें अपनी सुरक्षा करनी पड़े। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना उन पर लगातार बुलेट और मिसाइल्स से हमला कर रही थी। पाकिस्तानी सेना ने उनके एयरक्राफ्ट पर रॉकेट मिसाइल दागी। हालांकि पाक सैनिकों का निशाना चूक गया और मिसाइल पीछे की एक पहाड़ी पर जा गिरा। गुंजन सक्सेना ने फिर भी उड़ान को जारी रखा। साथ ही उन्होंने भारतीय सेना के घायल जवानों को सुरक्षित निकाला। बिना हथियारों के इस कारनामे को अंजाम देने के लिए गुंजन को शौर्य वीर अवॉर्ड दिया गया था।

पायलट से की शादी

शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में गुंजन का कार्यकाल 7 साल के बाद खत्म हो गया क्योंकि उस समय महिलाओं को फुल कमीशन नहीं दिया जाता था। गुंजन ने वायु सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्‍टर के पायलट से शादी कर ली। गुंजन के मुताबिक कारगिल के दौरान भारतीय सेना के घायल जवानों को सुरक्षित निकालकर लाना उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा थी। वह कहती हैं कि एक हेलिकॉप्टर पायलट होने के नाते यह सबसे अच्छी फीलिंग होती है।