नई दिल्ली: दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमालरुख ने उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमालरुख ने सोशल मीडिया पर एक लंबे-चौड़े पोस्ट में बताया कि वाजिद का परिवार उन्हें जबरन इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दवाब बना रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें परेशान किया जा रहा है। कमालरुख के समर्थन में अब एक्ट्रेस कंगना रनौत उतर आई हैं।
कंगना ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, "इस देश में पारसी सही में अल्पसंख्यक हैं। वह देश पर कब्जा करने नहीं आए थे वह तो तलाश में आए थे और उन्होंने बहुत आराम से भारत माता का प्यार मांगा था। उनकी छोटी आबादी ने इस राष्ट्र की सुंदरता-वृद्धि और अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है।"
Parsis are the genuine minority in this nation, they did not come as invaders they came as seekers and gently requested for mother India’s love. Their small population have hugely contributed to the beauty- growth and economy of this nation ( cont) https://t.co/5hkLcKSeEy
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 29, 2020
कंगना ने आगे लिखा, "वह (कमलरुख) मेरे दोस्त की विधवा हैं जिन्हें परिवार द्वारा परेशान किया जा रहा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहती हूं कि अल्पसंख्यक लोग जो ड्रामा नहीं करते, किसी का सिर कलम नहीं करते, दंगे और धर्म-परिवर्तन नहीं करते, उन्हें हम कैसे सुरक्षित रखें? पारसियों की कम होती संख्या भारत के कैरेक्टर के बारे में बड़ा खुलासा करती है।"
कंगना आगे लिखती हैं, "मां का वो बच्चा जो सबसे ज्यादा ड्रामा करता है उसे अटेंशन और फायदे मिलते हैं। और जो ये सब पाने के लायक है उसे कुछ नहीं मिलता। हमें सोचने की जरूरत है।" कंगना रनौत के ये ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। साथ ही लोग उनके ट्वीट पर तरगह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
She is my friends widow a parsi woman who is being harassed by her family for conversion. I want to ask @PMOIndia minority that don’t do sympathy seeking drama, beheadings, riots and conversions, how are we protecting them? Parsis shockingly decreasing numbers ( cont.)
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 29, 2020
बता दें कि वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने अपने पोस्ट में लिखा था, "मेरा नाम कमलरुख है। मैं दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी हूं। शादी से पहले हम दोनों एक-दूसरे को 10 साल से जानते थे। मैं पारसी हूं और वो मुस्लिम। हमें कॉलेज स्वीटहार्ट्स कहा जाता था। हमने शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत की। मैं इस पर अपना अनुभव बताना चाहती हूं कि किस तरह से मुझे इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। ये बेहद शर्मनाक है।"