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कुमार विश्वास ने फिल्मों और वेब सीरीज की स्क्रिप्ट पर जताई नाराजगी, कहा- भाषा पर रहम करो भाई…

कवि कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यूपी-बिहार की पृष्ठभूमि पर फिल्में-वेब सीरीज बनाने वाले मुम्बईया लेखकों को यह क्यूं लगता है कि भोजपुरी-अवधी-बृज-बुंदेली-मगही-अंगिका-वज्जिका सब एक ही हैं।'

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kumar vishwas

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इन दिनों डिजिटल प्लेटफार्म का चलन काफी जोरों पर है। सिनेमा और टीवी के बाद उसे भी लोग खूब पसंद कर रहे है। ओटीटी के जरिए वेब सीरीज के साथ—साथ भारतीय फिल्मों को बहुत देखा जा रहा है। इनमें कई प्रकार की भाषा और कहानी देखने को मिलती है। मशहूर कवि और राजनेता कुमार विश्वास ने भारतीय फिल्मों और वेबसीरीज में दिखाए गए किरदारों की बोली को लेकर नाराजगी जताई है। इस पर विश्वास ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए ट्वीट किया है। उनका यह ट्विट सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है।

कवि कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यूपी-बिहार की पृष्ठभूमि पर फिल्में-वेब सीरीज बनाने वाले मुम्बईया लेखकों को यह क्यूं लगता है कि भोजपुरी-अवधी-बृज-बुंदेली-मगही-अंगिका-वज्जिका सब एक ही हैं।' विश्वास ने आगे लिखा, 'एक ही घर के पांच सदस्यों में से बेटा भोजपुरी में सवाल पूछता है जिसके जवाब का पिता अवधी में देता है। हमारी भाषाओं पर रहम करो भाई।'

विश्वास के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने एक के बाद एक कमेंट करने लगे। एक यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, 'हरियाणवी तो इस बार सुना है पाताल लोक में सही बोली, वरना हरियाणवी का सबसे ज्यादा सत्यानाश करते थे। अरे ताऊ बोलने को हरियाणवी बोलना समझते थे।' इसके जवाब में कवि ने लिखा कि वो शायद इसलिए हो गया क्योंकि जयदीप अहलावत खुद हरियाणा के हैं।

इसके बाद दादी चंद्रो तोमर ने कुमार विश्वास के ट्वीट पर रिप्लाई किया है। उन्होंने लिखा, '100 आन्ने की एक कहदी। कतई नास ठा रख्या महारी बोलियों का।' कुमार विश्वास के ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, 'कही की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा। भद्दी गालियां, छोटे कपड़े, धर्म का मजाक, उसमें साम्प्रदायिकता का मसाला डालो और यूपी, बिहार की पृष्ठभूमि पर सफल वेब सीरीज बनालो।'