जब दिलीप कुमार ने खुद बताया था कि क्यों इंडस्ट्री को दूसरा दिलीप कुमार नहीं मिलेगा
नई दिल्लीPublished: Nov 12, 2021 10:44:42 pm
एक ऐसे अदाकार की अदाकारी जो कल की पीढ़ी के लिए हमेशा श्रेष्ठ बनी रहेगी। हम सिनेमा से उनकी खातिर प्यार कर बैठे जिस प्यार का कोई पैमाना नहीं है।


दुनिया जिन्हें दिलीप कुमार के नाम से जानती है, जिनके अभिनय की मिसालें दी जाती हैं, उनकी ना तो फ़िल्मों में काम करने की दिलचस्पी थी और ना ही उन्होंने कभी सोचा था कि दुनिया कभी उनके असली नाम के बजाए किसी दूसरे नाम से याद करेगी। दिलीप कुमार के पिता मुंबई में फलों के बड़े कारोबारी थे, लिहाजा शुरुआती दिनों से ही दिलीप कुमार को अपने पारिवारिक कारोबार में शामिल होना पड़ा। तब दिलीप कुमार कारोबारी मोहम्मद सरवर ख़ान के बेटे यूसुफ़ सरवर ख़ान हुआ करते थे। एक दिन किसी बात पर पिता से कहा सुनी हो गई तो दिलीप कुमार पुणे चले गए, अपने पांव पर खड़े होने के लिए. अंग्रेजी जानने के चलते उन्हें पुणे के ब्रिटिश आर्मी के कैंटीन में असिस्टेंट की नौकरी मिल गई।
वहीं, उन्होंने अपना सैंडविच काउंटर खोला जो अंग्रेज सैनिकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हो गया था, लेकिन इसी कैंटीन में एक दिन एक आयोजन में भारत की आज़ादी की लड़ाई का समर्थन करने के चलते उन्हें गिरफ़्तार होना पड़ा और उनका काम बंद हो गया।