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उम्‍मीदों का बजट: इंश्‍योरेंस सेक्‍टर के विकास से लिए अरुण जेटली से हैं ये मांग

अगामी आम बजट से इंश्‍योरेंस सेक्‍टर को काफी उम्‍मीदें है।

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नई दिल्‍ली. अगामी आम बजट से इंश्‍योरेंस सेक्‍टर को काफी उम्‍मीदें है। हाल में आई कई रिपोर्ट्स से पता चला है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद बीमा सेक्‍टर कई तरह की परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसे में इंश्‍योरेंस सेक्‍टर यह उम्‍मीद कर रहा है कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली इस सेक्‍टर की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाएंगे। आइए, जानते हैं कि बजट से इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की क्‍या मांग है?


आयकर छूट की सीमा 80सी के तहत बढ़े
अवीवा लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी करनी सिंह अढ़ा ने बताया कि देश और समाज के आर्थिक विकास में बीमा उद्योग की हमेशा अहम भूमिका रही है। बजट से हमारी अपेक्षा है कि लोगों की आयकर छूट का स्लैब बढ़ाया जाए ताकि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आए और वे इनका अधिक निवेश कर सकें। हम उम्मीद करते हैं कि अलग से एक बीमा प्रीमियम राशि के लिए आयकर छूट दी जाए क्योंकि यू/सी 80सी के तहत मौजूदा आय (1.5 लाख रुपये) वालों की संख्या बहुत ज्यादा हो चुकी है। बुजुर्गों तथा पेशे से जुड़ी बीमारियों/लाइफस्टाइल बीमारियों से पीडि़त उन लोगों के लिए पूर्व शर्त जीवन बीमा योजना होनी चाहिए जो अधिक प्रीमियम दरों के कारण सम एश्योर्ड अनुपात में प्रीमियम देने में असमर्थ रहते हैं। लिहाजा अधिक सुरक्षा बीमा और छोटी बीमा राशि को बढ़ावा देने पर जोर होना चाहिए ताकि कम प्रीमियम में ही ग्रामीण आबादी को डिजिटल/मोबाइल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल करते हुए आसानी से इसका लाभ मिल सके।


तिमाही टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की आवश्यकता खत्म हो
अढ़ा ने आगे बताया कि सालाना आय और पीएफ निकासी के बीच छूट समानता की तरह ही एनपीएस और पेंशन छूट सीमाओं के बीच समानता भी ऐसी चीजें हैं जिनकी अनदेखी नहीं होनी चाहिए। हालांकि जीवन बीमा कंपनियों को कारोबारी सुगमता के लिए कारोबार की पूंजी तीव्रता प्रकृति और लंबी निर्माणाधीन अवधि के कारण 15 साल तक कारोबारी नुकसान बर्दाश्त करते हुए उन्हें महत्व मिलना चाहिए। साथ ही 20 लाख से अधिक बीमा एजेंटों के लिए तिमाही टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की आवश्यकता खत्म होनी चाहिए क्योंकि टीडीएस विवरण फॉर्म 26एएस में ही उपलब्ध रहता है। ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनकी हम बजट से अपेक्षा कर रहे हैं।


लाइफ इंश्‍योरेंस कैटेगारी पर बढ़े टैक्‍स छूट की सीमा
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ पंकज राजदान ने बजट में लंबी अविध की बचत योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए टैक्‍स छूट का दायरा बढ़ाना की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि अभी देश में सिर्फ 3 फीसदी लोग ही हैं, जिनके पास इंश्‍योरेंस कवर है। बजट में लाइफ इंश्‍योरेंस कैटोगेरी में टैक्‍स छूट बढ़ाना चाहिए। इसे इस इंडस्‍ट्री के साथ आम लोगों को भी फायदा मिलेगा क्‍योंकि टैक्‍स छूट मिलने से ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग बीमा खरीदेंगे। इसके साथ ही बजट में ऑनलाइन ट्रांजैक्‍श्‍ान को बढ़ावा देने पर जोर देना चाहिए।


हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर बढ़े टैक्‍स छूट की सीमा
इंश्योरेंस सेक्टर की बजट से उम्मीद यह है कि 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किए गए निवेश पर इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाई जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने पर अभी इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत 30,000 रुपए की छूट मिलती है। बीमा सेक्टर की मांग है कि यह सीमा बढ़ाई जाए, जिससे अधिक संख्‍या में लोग हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लें।