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Budget – 2021: मिडिल क्लास को टैक्स में मिल सकती है दोगुनी छूट

locationनई दिल्लीPublished: Jan 15, 2021 03:37:09 pm

– बजट- 2021 : टैक्स का बोझ कम करने पर सोच रही सरकार ।- पीएसयू की नॉन कोर असेट बेचने की योजना पर भी हो रहा है काम ।- स्टैंडर्ड डिडेक्शन की लिमिट भी बढ़ा सकती है सरकार । – 10 का फंड पोर्टल लॉन्च कर इकट्ठा करेगी।- 3.92 लाख के स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को पिछले महीने दी थी मंजूरी

nirmala sitharaman

Nirmala sitharaman

नई दिल्ली। मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को बजट-2021 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार मिडिल क्लास के लिए कुछ राहत का ऐलान कर सकती है। टैक्स पेयर्स को राहत देते हुए सरकार टैक्स में छूट की सीमा को दोगुना कर 5 लाख तक कर सकती है। वर्तमान में 2.5 लाख तक इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 से 5 लाख तक इनकम होने पर 5 फीसदी का टैक्स लगता है। हालांकि बजट 2019 में सरकार ने रिबेट की घोषणा की थी। उसके तहत 5 लाख तक इनकम वाले टैक्सपेयर्स को जीरो टैक्स देना होगा। हालांकि बेसिक छूट की सीमा 5 लाख तक ही रखी गई थी।

पिछले बजट में नए सिस्टम की घोषणा:

बजट-2020 में सरकार ने नए टैक्स सिस्टम की घोषणा की थी। इसमें छूट को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया और टैक्स स्लैब को 6 हिस्सों 5 फीसदी, 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी, 25 फीसदी और 30 फीसदी में बांट दिया गया। 0-2.5 लाख तक इनकम पर टैक्स रेट जीरो फीसदी है। 2.5-5 लाख पर टैक्स रेट 5 फीसदी है, जिस पर फिलहाल छूट जारी है।

डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू लेगा फैसला –
माना जा रहा है कि लगातार उठ रही मांग के बीच इस बजट में छूट को लेकर सरकार बड़ा फैसला कर सकती है। हालांकि इस संबंध में आखिरी फैसला डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू के कंसल्टेशन के साथ ही लिया जाएगा। उम्मीद ये भी है कि टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपए से बढ़ा सकती है।

हेल्थ इंश्योरेंस में राहत की मांग –
कोरोना के कारण मेडिकल इंश्योरेंस में तेजी आई है, प्रीमियम चार्ज भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने मेडिकल इंश्योरेंस पर मिलने वाली छूट को खत्म कर स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू किया था। ऐसे में मेडिकल इंश्योरेंस की बढ़ती मांग के कारण इस तरह से राहत की उम्मीद है। संभव है कि इस बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 75 हजार या 1 लाख रुपए कर दिया जाए।

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