18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पोस्टमार्टम हाउस में बदल गए दो बच्चों के शव, खुली पोल तो उड़े होश

सड़क हादसे में मारे गए दो बच्चों के शव पोस्टमार्टम हाउस में बदल गए। एक बच्चे का शव दूसरे बच्चे के परिजनों को सौंप दिया गया। दूसरे बच्चे के परिजनों ने शव को सुपुर्द-ए-खाक भी कर दिया। पहले बच्चे के परिजनों ने जव शव का मुंह देखा तो उन्हें इसके बारे में पता चला। उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। पोल खुलते ही कर्मचारियों के होश उड़ गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।

2 min read
Google source verification
bulandshahar_news_postmartam.jpg

बुलंदशहर. बीते बुधवार रात खुर्जा क्षेत्र में बस की टक्कर से बाइक सवार एक महिला जन्नत और ढाई वर्षीय बच्चे समद की मौत हो गई थी। पुलिस ने मौके पर कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। वहीं दूसरी ओर जिले के ही मोहल्ला फैसलाबाद में घर के बाहर खेल रहे दो साल के आतिफ को कार ने कुचल दिया था। पुलिस ने आतिफ के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। फैसलाबाद निवासी आतिफ के परिजनों की मांग पर बच्चे का रात में ही पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था की गई थी।

यह भी पढ़ें : तंत्र-मंत्र के चक्कर में ताई ने दी पांच साल के मासूम की बलि, खौफनाक वारदात सुन कांप जाएगी रूह

इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ ने लापरवाही करते हुए आतिफ के स्थान पर समद के शव का पोस्टमार्टम करते हुए आतिफ के परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजनों ने समद के शव को देर रात करीब डेढ़ बजे दफना दिया। सुबह समद के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और समद के पोस्टमार्टम की मांग की। जब स्टाफ पोस्टमार्टम के लिए शव ले जा रहे थे तो परिजनों ने बच्चे का मुंह देखा और उसके कपड़े से पहचान की।

परिजनों ने शव समद का न होने की बात कहते हुए हंगामा कर दिया। मौके पर हंगामा बढ़ता देखकर स्टाफ ने आनन-फानन आतिफ के परिजनों को मौके पर बुलाया। इसके बाद उन्होंने बच्चे के शव की पहचान आतिफ के तौर पर की। पूरे मामले की पोल खुलते ही परिजनों और कर्मचारियों के होश उड़ गए। पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ की लापरवाही के कारण समद के परिजन अपने बच्चे को आखिरी बार नहीं देख सके। इसको लेकर परिजनों में काफी रोष है।

बताया जा रहा है कि समद अपने परिवार में अकेला था। उसके पिता की दो वर्ष पूर्व बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। ऐसे में समद की मां और अन्य परिजनों की बच्चे को आखिरी बार निहारने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। दोनों पक्षों के लोगों के बीच सहमति बनने के बाद आतिफ के शव को भी नगर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया।

इस मामले में सीएमओ डॉ. विनय कुमार सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम करने के बाद टीम संबंधित पुलिस को शव सौंपती है। लापरवाही किस स्तर पर हुई है, इसकी जांच की जाएगी।

यह भी पढ़ें : UP Assembly Election 2022: क्या यूपी पुलिस की ‘ठोको नीति’ बनेगी चुनावी मुद्दा?