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Makar Sankranti 2020 पर सेहत का वरदान पाने के लिए करें ये काम, त्वचा और हड्डियों के दूर होंगे रोग

Highlights . सूर्य का मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहा जाता है. दक्षिण भारत में इस पर्व के दिन होती हैं तमिल वर्ष की शुरूआत . अलग—अलग राज्यों में अलग—अलग नाम से मनाते हैं लोग  

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बुलंदशहर। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रान्ति रुप में जाना जाता है। 14/15 जनवरी 2020 के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है। दक्षिण भारत में इस पर्व के दिन ही तमिल वर्ष की शुरूआत होती है। तमिल में यह 'थई पोंगल' के रूप में मनाया जाता है। सिंधी इस पर्व को 'तिरमौरी' और उत्तर भारत के लोग 'मकर सक्रान्ति के नाम से मनाते है। गुजरात में 'उत्तरायण', पंजाब में लोहडी पर्व, उतराखंड में उतरायणी, गढ़वाल में खिचडी संक्रान्ति के नाम से यह पर्व मनाया जाता है।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त-

मकर संक्रांति 15 जनवरी—2020
संक्रांति काल- 15 जनवरी—07:19 बजे
पुण्यकाल-07:19 से लेकर 12:31 बजे तक
महापुण्य काल- 07:19 से लेकर 09:03 बजे तक
संक्रांति स्नान- प्रात: काल, 15 जनवरी 2020

मकर संक्रान्ति के दिन गंगा हरिद्वार, काशी आदि तीर्थों पर स्नान करने का विशेष महत्व है। स्नान करने के बाद शुभकारी फल के सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य की पूजा के दौरान अर्ध्य देना चाहिए। बुलंदशहर के रहने वाले पंडित राज शर्मा ने बताया कि मकर संक्रान्ति के दिन दान का महत्व है। अन्य दिनों की तुलना में बढ जाता है। गरीब व्यक्ति को अन्न, तिल व गुड का दान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस पर्व पर खिचड़ी का भी दान किया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार कोई भी कार्य तभी फल देता है, जब वह पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ किया जाता है। मकर संक्रातिं के दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान और दान का महत्व है। इसी दिन से ही रात छोटी व दिन बड़े होने लगते है। सूर्य के उतरी गोलार्ध में पहुंचने से ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ भी होता है।

मकर संक्रान्ति के दिन होता है इनका प्रयोग

मकर संक्रातिं के दिन तिल का सेवन और साथ ही दान करना शुभ होता है। तिल का उबटन, तिल के तेल का प्रयोग, तिल मिश्रित जल से स्नान, तिल मिश्रित जल का पान, तिल-हवन, तिल की वस्तुओं का सेवन व दान करना व्यक्तियों के पापों का नाश होता है।

मिलता है सेहत का वरदान

मकर संक्रांति को 'पतंग महोत्सव' भी कहा जाता है। लोग इस पर्व पर अपने छत पर पतंग उड़ाते हैं। हालांकि, इसका कोई धार्मिक तथ्य नहीं है। बल्कि सूर्य की किरणों की वजह से शरीर को उर्जा मिलती है। छत पर पतंग उड़ाना स्वास्थवर्द्धक होता है। सर्दी के मौसम में सूर्य किरण त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होती है।