
अब जेल में पढ़ने के शौकीन कैदियों के लिए की गर्इ एेसी व्यवस्था, जानकर आप भी कहेंगे 'वाह'
बुलंदशहर।अक्सर सामने आता है कि कर्इ लोग पढ़ने लिखने में अव्वल रहने के साथ ही किताब पढ़ने के शौंकीन रहते है।लेकिन वह अलग अलग कारणों से अपराध में लिप्त होने व वारदात को अंजाम देने की वजह से जेल पहुंच जाते है।अब जेल में एेसे ही पढ़ने वाले कैदियों के लिए एक एनजीआे ने एेसी व्यवस्था की है।जिसे जानकर आप भी वाह कह देंगे।यह व्यवस्था हाल में बुलंदशहर जेल में की गर्इ है।इतना ही नहीं कैदियों को यहां पढ़ने के लिए करीब 1500 किताबें दी गर्इ है।
इस जेल में की गर्इ कैदियों के पढ़ने की यह व्यवस्था
लखनऊ,मेरठ,गाजियाबाद के बाद अब बुलंदशहर जिला कारागार में बिरला लाइब्रेरी की स्थापना होगी।शुरूआत में बुलंदशहर ज़िला कारागार में 12 सौ से 1500 किताबें लाइब्रेरी की शोभा बढ़ाएगी।वहीं फाउंडेशन के डॉक्टर ऋषि के मुताबिक बुलंदशहर की ज़िला जेल के बंदियों की योगा,और आयुर्वेदा की पुस्तकों में ज़्यादा दिलचस्पी है। वहीं पढ़ने में रुची रखने वाले कैदी पढ़ार्इ कर सकेंगे।
इससे पहले भी इन जेलों में बना चके है लाइब्रेरी
बिमटेक फाउंडेशन और रगनाथन सोसायटी फॉर सोयाल वेल्फेयर एंड लाइब्रेरी डवलपमेंट के पदाधिकारियों ने जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर के साथ बुलंदशहर के एक होटल में पत्रकारों से प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि यूपी के 08 जनपदों की ज़िला कारागारों में लाइब्रेरी की स्थापना कर चुके है। इतना ही नहीं इस फाउंडेशन का दावा है कि जिन जिन जेलों में लाइब्रेरी हैं। उनमें बंदियों के व्यवहार में काफी हद तक सुधार देखा गया है। जबकि फाउंडेशन लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा और इटावा की जेलों में लाइब्रेरी की स्थापना कर चुका है।
अब इन जेलों में लाइब्रेरी खोलने का किया जा प्रयास
वहीं फाउंडेशन के लोगों ने बताया कि अब फाउंडेशन मथुरा, फिरोजाबाद और कानपुर की जेलों में आधुनिक लाइब्रेरी खोलने के प्रयास में जुटा है। बुलंदशहर ज़िला कारागार में लाइब्रेरी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। साथ ही बुलंदशहर जेल प्रशासन ने भी फाउंडेशन का तहेदिल से स्वागत किया है। फाउंडेशन के सर्वे के मुताबिक योग और आयुर्वेद में बंदियों की जो दिलचस्पी देखी गई है। तो उन किताबों का भी ध्यान रखा जाएगा।
Published on:
15 Jul 2018 12:11 pm
बड़ी खबरें
View Allबुलंदशहर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
