
ढाई करोड़ के घोटाले के मामले के आरोपी उप डाकपाल ने ट्रेन के हाथ के कूदकर अपनी जान दे दी। बुलंदशहर का यह डाककर्मी पिछले लंबे समय से सस्पेंड चल रहा था। इस पर गबन के आरोप थे। शनिवार को सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टीगेशन एजेंसी सीबीआई ने इसे घंटे पूछताछ की थी रविवार सुबह इसने सुसाइड कर लिया। मरने से पहले डाककर्मी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि उसे आत्महत्या करने पर मजबूर किया गया। सीनियर अफसरों ने उसे फसाया है, वह निर्दोष है। डाककर्मी की मौत के बाद इस पूरे प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है। अब तक डाककर्मी आरोपों से घिरा हुआ था। अब इस कदम के बाद लोगों की सिंपेथी डाककर्मी की तरफ आ गई है। डाककर्मी के इस कदम के बाद पूरे मामले पर ही सवाल उठने लगे हैं। नया सवाल यह पैदा हो गया है कि अगर डाककर्मी आरोपी नहीं था तो फिर गबन का आरोपी कौन है ?
28 वर्षीय राहुल कुमार ने मौत को अपने गले लगा लिया। मरने से पहले जो सुसाइड नोट लिखा है उसमें सनसनी खेज खुलासा किया है। राहुल ने लिखा है कि वह बेकसूर है अफसरों ने उसे फसाया है। इसके पीछे उसने हैरान कर देने वाली वजह भी दी है। राहुल का कहना है कि अफसरों के महिलाओं के साथ संबंध थे। इन संबंधों का उसे पता चल गया था। इसलिए उसे फंसाया गया है। राहुल के परिजनों ने बताया कि रात में वह ठीक तरह से सोया था। जब सुबह उठा तो दूध लेने के लिए निकला। इसी दौरान उसने गिरधारी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। घर वालों को जब इस बात का पता चला तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई।
बुलंदशहर के इसी चर्चित घोटाले में आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 21 जुलाई को बुलंदशहर के ही प्रधान डाकघर के अधीक्षक ने आत्महत्या कर ली थी। अब 28 वर्षीय राहुल ने अपनी जान दे दी है। राहुल का सुसाइड नोट इस पूरे मामले पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब गबन का पूरा मामला ही सवालों के घेरे में आ गया है। सीधा सवाल यही है कि अगर राहुल बेकसूर था, तो फिर गबन किसने किया ? राहुल से पहले आत्महत्या करने वाले प्रधान डाकघर के मुख्य अधीक्षक ने भी सुसाइड नोट लिखा था। उसने खुद को निर्दोष बताया था, उसने भी सुसाइड नोट में कहा था कि वह निर्दोष है। लिखा था कि मैने, '16 दिसंबर 2021 को कार्यभार संभाला था और उसके बाद से ही उसे प्रताड़ित किया जा रहा है' इस मामले में राहुल कुमार के अलावा डाकपाल टीपी सिंह और एक क्लर्क के अलावा एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नामजद करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। अब इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है। अब तक इसमें दो लोगों ने आत्महत्या कर चुके हैं।
Updated on:
22 Dec 2024 02:43 pm
Published on:
22 Dec 2024 02:41 pm
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