
बुलंदशहर. रसोई में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें लोग अनुपयोगी मानते हैं और उनको बाहर कूड़ेदान में डाल आते हैं। इन्हीं चीजों में से एक है आटे में निकलने वाली गेहूं की भूसी या चोकर। जो कि आटे से निकालने के बाद बाहर डाल दी जाती है। इसको बेकार समझा जाता है। लेकिन ये चोकर अगर कायदे से प्रयोग की जाए तो स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी साबित होती है।
गेहूं के चोकर में होता है प्रोटीन और कैल्शिेयम
गेहूं चोकर खासकर पेट के लिए बुहत फायदेमंद होता है। चिकित्सकों की माने तो अगर बिना चोकर निकाले आटे की रोटियां बनाई जाए और उनको उपयोग में लाया जाए, तो ये रोटियां स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी साबित होती हैं। गेहूं के चोकर की उपयोगिता अगर जान जाएंगे तो इसे यूं ही आटे से बाहर नहीं करेंगे। विशेषज्ञों की माने तो गेहूं के चोकर में प्रोटीन, स्टार्च, कैल्शिेयम, लोहा और खनिज लवण भी होता है।
खून में कोलेस्ट्राल कम करने में होता है महत्वपूर्ण
डॉक्टर भावना गांधी के अनुसार गेहूं का चोकर या भूसी का सेवन करने से आंतों की बीमारी से बचाव होता है। इससे आंत को ताकत मिलती है। पेट से संबंधित कई बीमारियों से भी गेहूं की भूसी या चोकर बचाव करती है। गेहूं के आटे से चोकर या भूसी को नहीं निकालना चाहिए। अगर हम इसको खाने में प्रयोग करते हैं तो खून में कोलेस्ट्राल कम करने में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
मांसपेशियों और हड्डियों में आती है मजबूती
चोकर के प्रयोग से मांसपेशियों और हड्डियों में मजबूती भी आती है। इसमें कैल्शियम भी होता है। इसके उपयोग से शुगर जैसी बीमारी बचाव होता है। खून में हीमोग्लोसबिन की मात्रा इसके उपयोग से बढ़ती है। आटे से भूसी अगर छानकर हम नहीं निकालते हैं तो यह दिल, दिमाग भी स्वस्थ रहते हैं। आटे के चोकर मोटापा को घटाने में भी उपयोगी होते हैं। ऐसे में कभी भी आटे से चोकर या भूसी को बाहर मत कीजिए। इसे आटे में मिलाकर उपयोग में लाना चाहिए।
Published on:
18 Nov 2021 02:12 pm
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